लखीसराय. सदर प्रखंड क्षेत्र के शेषनाग मध्य विद्यालय बभनगामा के प्रांगण में जारी सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन एवं सत्संग कार्यक्रम के दौरान वृंदावन धाम से पहुंची प्रसिद्ध कथावाचिका सुश्री दीप्ति ने भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा कि सत्संग में भाग लेना प्रेम आस्था के साथ ही फलदायी है. अर्थात सत्संग से जुड़ाव आस्था पूर्वक एवं अन्य सत्संगी से प्रेम भाईचारा का व्यवहार करके ही इससे मिलने वाले फल की प्राप्ति संभव है. चिकित्सक जिस तरह शरीर के अंदर के रोग की जानकारी लक्षण देखकर जान जाते हैं, उसी तरह मनुष्य के व्यवहार को देखकर संत महात्मा मनुष्य के व्यवहार की परख कर लेते हैं. गर्भावस्था के कष्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इसके बावजूद मां-बाप को ताना मिलना काफी कष्टकारी है. श्रीमद् भागवत कथा के महत्ता का बखान करते हुए कहीं कि संत जनों की सेवा धर्म और सच्चाई की राह पर चलना ही श्रीमद भागवत कथा का सार है. इस कथा प्रवचन के आयोजन के दौरान सुबह से ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो जा रहा है. शाम में आरती के उपरांत सत्संग प्रवचन के बाद श्रीमद् भागवत कथा की प्रस्तुति दी जा रही है, जहां भारी संख्या में भक्तों का सैलाब उमड़ना जारी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है