मेराल थाना क्षेत्र के रेजो गांव के दुनुखांड़ टोला में उरिया नदी से बालू लेकर जा रहे ट्रैक्टर को पुलिस की पेट्रोलिंग टीम पकड़ना चाहती थी. इसी क्रम में ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर हमला करने का आरोप है. इस संबंध में एसआइ अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने मेराल थाना में हमला करनेवालों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. प्राथमिकी में सात नामजद और 30-40 अज्ञात महिला-पुरुषों के नाम शामिल हैं. घटना गुरुवार की बतायी गयी है. प्राथमिकी में एसआइ श्री सिंह ने कहा है कि गुरुवार की शाम पुलिस गश्ती के लिए निकली थी. इसी क्रम में वे हासनदाग गांव से गश्ती करते हुए दुनुखांड़ टोला पहुंचे थे. तभी वहां एक बालू लदा ट्रैक्टर आ रहा था. उसे उन्होंने रोकने का प्रयास किया, तो वह गांव में घुस गया. उन्होंने उसका पीछा करते हुए गांव में पहुंचकर ट्रैक्टर को पकड़ लिया. इसके बाद वे ट्रैक्टर को थाना लाने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान गांव के मानदेव चौधरी, रमेशी चौधरी, सुरेंद्र चौधरी, कुंदन चौधरी, देव कुमार चौधरी, रामप्रवेश चौधरी, लालजी चौधरी और 30 से 40 महिला-पुरुषों ने गश्ती दल पर हमला कर दिया. उन्होंने मिलकर ट्रैक्टर से बालू गिरा दिया और गाड़ी ले गये. रोकने का प्रयास करने पर ग्रामीणों ने उनके व उनकी टीम के साथ धक्का-मुक्की की. एसआइ ने कहा कि पुलिस ने इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की है. भागने के क्रम में ट्रैक्टर मालिक मानदेव चौधरी का मोबाइल गिर गया, जो पुलिस के हाथ लगा है.
प्रशासनिक कार्रवाई का भी असर नहीं : उल्लेखनीय है कि हासनदाग और दुनुखांड़ शमशान घाट से माह भर से बालू का अवैध खनन व ढुलाई हो रही है. बालू माफियाओं ने नदी में काफी दूर तक बालू खनन कर बेच डाला है. यह बालू निर्माणाधीन सड़क लगमा वाया करकोमा झोंतर सड़क के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है. यद्यपि इसके खिलाफ लगातार प्रशासनिक कार्रवाई होती है. लेकिन इसके बावजूद बालू माफिया रात-दिन बेखौफ होकर अवैध बालू उत्खनन करने और ढोने में लगे रहते हैं. इसको लेकर हासनदाग के पूर्व मुखिया पति हरेंद्र चौधरी एवं रेजो गांव के ही अलख नारायण चौबे ने सीओ, थाना प्रभारी व उपायुक्त को आवेदन देकर शिकायत की है. लेकिन इसके बाद भी बालू का अवैध कारोबार जारी है.
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