जमशेदपुर : बहरागोड़ा के विधायक और जमशेदपुर लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी रहे समीर मोहंती ने 24 घंटे में ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर लगाये गये आरोपों से पल्ला झाड़ लिया है. शनिवार को परिसदन में संवाददाता सम्मेलन कर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में बूथ मैनेजमेंट के नाम पर उन्होंने किसी को एक रुपया नहीं दिया. न ही कांग्रेस और झामुमो के केंद्रीय नेतृत्व से किसी के खिलाफ लिखित शिकायत ही की है. साजिश के तहत किसी व्यक्ति या विरोधी संगठन के लोगों ने उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की है. संभवत: गठबंधन के बीच दरार पैदा करने के मकसद से भी इस तरह की ओछी हरकत की गयी है.
विधायक समीर मोहंती ने कहा कि किसी ने उनके नाम से पत्र जारी किया है, जो फर्जी है. पत्र में किया गया हस्ताक्षर उनका नहीं है. पत्र की सच्चाई की जांच के लिए उपायुक्त से भी बात की है, ताकि कार्रवाई की जा सके. विगत लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के सभी राजनीतिक संगठनों ने अपने स्तर से काफी मेहनत की. इसके लिए वे सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हैं. लोकसभा चुनाव में हमने शहर से लेकर गांव तक पहुंचने का प्रयास किया.
लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के रूप में नाम घोषणा के बाद उन्हें मात्र 18 दिन ही मिले थे. इतने कम समय में भी उन्होंने हर जगह पहुंचने और जीत के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो पाये. संवाददाता सम्मेलन में जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, प्रमोद लाल, शेख बदरूद्दीन, राज लकड़ा समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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पत्र फर्जी या दबाव में मुकरे विधायक!
विधायक समीर मोहंती के लेटर पैड से 12 जून को हूबहू उनके ही हस्ताक्षर से कांग्रेस व झामुमो के केंद्रीय नेतृत्व को एक शिकायत पत्र भेजा गया था. पत्र में कहा गया था कि समीर मोहंती ने विगत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रति बूथ 6000 रुपये के हिसाब से बूथ मैनेंजमेंट, कार्यक्रम व रैली के लिए 25 लाख रुपये दिये थे. साथ ही, कई बूथों पर बूथ मैनेजमेंट के लिए 6000 रुपये की जगह केवल 4000 रुपये ही देने का आरोप लगाया गया था. उस पत्र में आनंद बिहारी दुबे पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी से हटाने की भी मांग की गयी थी. शनिवार को बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती ने उक्त पत्र को फर्जी बताते हुए किसी के द्वारा साजिश रचने व छवि को खराब करने की बात कही. पत्र फर्जी है या किसी के दबाव में आकर विधायक बैकफुट पर आ गये हैं. यह जांच का विषय है.