पौआखाली.नगर पंचायत पौआखाली में पीडब्ल्यूडी सड़क पर जलजमाव के संकट का कोई भी स्थाई हल नगर प्रशासन के द्वारा आजतक संभव नहीं हो सका है, जिस कारण शिशागाछी मेलाग्राउंड के समीप डॉक्टर राही अहमद के निजी मेडिकल क्लिनिक और मस्जिद के ठीक सामने जलजमाव की समस्या जस की तस बनी हुई है.
बताया जा रहा है कि आरसीडी यानी रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट और नगरपालिका के बीच तकनीकि पेंच के कारण जलजमाव की समस्या से स्थाई तौर पर मुक्ति दिला पाने में नगर प्रशासन फिलहाल विफल है. दरअसल, जलजमाव का मामला पीडब्ल्यूडी यानी पथ निर्माण विभाग की सड़क से जुड़ा मामला है और जल निकासी के लिए सड़क किनारे बनाए गये नाले भी पीडब्ल्यूडी के अधीन है और जबतक आरसीडी नगर प्रशासन को किसी भी नए निर्माण के लिए एनओसी के साथ स्वीकृति प्रदान नही करते तबतक नगर प्रशासन चाहकर भी इस संकट से जनता को मुक्ति दिलाने में अक्षम ही साबित होंगे.बहरहाल, आरसीडी और नगर प्रशासन के बीच उत्पन्न इस तकनीकि पेंच का खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ेगा. गौरतलब हो कि पिछले दो तीन वर्षों से बरसात के सीजन में यहां घुटना भर पानी सड़क पर जमा रहता है. सड़क किनारे बने नाले पूरी तरह से जाम है जल निकासी का कोई दूसरा उपाय भी नही है. इसी रास्ते से होकर मुसाफिर पौआखाली नगर बाजार होकर जिला मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं जहां हर किसी को इस जलजमाव के संकट से जूझना पड़ रहा है. इतना ही नहीं जलजमाव वाले जगह के आसपास बने व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आवासीय लोगों को इस समस्या से काफी दिक्कत हो रही है. वहीं बगल के मस्जिद में नमाजियों को नमाज पढ़ने के लिए परिसर में दाखिल होने से पहले इसी गंदगी भरा जलजमाव से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं इस समस्या के समाधान को लेकर स्थानीय पत्रकार फरीद आलम ने नगर चेयरमैन, उप चेयरमैन, कार्यपालक पदाधिकारी को पत्राचार करने की बात कही है जिसकी प्रतिलिपि डीएम किशनगंज को भी उपलब्ध कराने की जानकारी दी है.
क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी
नगर के कार्यपालक पदाधिकारी रित्विक कुमार के मुताबिक मामला आरसीडी से जुड़ा है. समस्या के स्थाई समाधान हेतु आरसीडी विभाग से एनओसी की मांग की गई है किंतु, आरसीडी का कहना है कि हो सकता है उक्त सड़क के चौड़ीकरण और नाला निर्माण के प्रस्ताव का डीपीआर को विभाग से बहुत जल्द स्वीकृति मिल जाए तब नगर विभाग को उन परिस्थितियों में एनओसी प्रदान करना संभव नहीं हो पाएगा. हां अगर डीपीआर को स्वीकृति नहीं मिलती है तो एकबार पुनः आरसीडी से एनओसी प्राप्त करने की दिशा में प्रयास जारी रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है