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बोखड़ा बीईओ और बीआरपी में तकरार जिला तक पहुंचा

बोखड़ा बीईओ व बीआरपी सरिता कुमारी का विवाद जिला में पहुंच चुका है. दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए है.

सीतामढ़ी. बोखड़ा बीईओ व बीआरपी सरिता कुमारी का विवाद जिला में पहुंच चुका है. दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए है. बीईओ ने बीआरपी पर खुद स्कूलों का निरीक्षण नहीं करने और उनके पति पर नशे में रहने व धमकी देने का आरोप लगाया है, तो बीआरपी सरिता ने भी बीईओ पर नशे की हालत में कार्यालय में रहने का आरोप लगाया है. दोनों ने उक्त शिकायतें सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ से कर रखी है. अब शिकायतों के आलोक में कार्रवाई की बिंदु पर डीपीओ को निर्णय लेना है. –हाजिरी बनाने को 15 हजार नजराना दरअसल, पिछले दिनों बीईओ ने बीआरपी सरिता के खिलाफ डीपीओ को रिपोर्ट किया था. इसके आलोक में डीपीओ ने उक्त महिला कर्मी से जवाब मांगा था. जवाब में सरिता ने कहा है कि वह पति के साथ स्कूलों का निरीक्षण करने जाती है. पति द्वारा बीईओ के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप निराधार है. सरिता ने सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ को भेजे पत्र में लिखा है कि बीईओ नशे में बीआरसी स्थित कार्यालय में रहते है. इस कारण एक महिला कर्मी होने के नाते उसे असहज महसूस होता है. बताया है कि वह बोखड़ा प्रखंड में 23 मार्च 24 को योगदान दिया था. कई दिनों तक बीईओ द्वारा उसे हाजिरी नही बनाने दिया गया. इसके एवज में उससे नजराना मांगा गया. परेशान होकर उसने 15000 रूपये दिया, तब उसे हाजिरी बनाने दिया गया. जरूरत पड़ने पर वह नजराना वाली राशि का सबूत पेश कर सकती है. — बीईओ ने की थी रिपोर्ट बताया गया है कि बोखड़ा बीईओ ने डीपीओ को यह रिपोर्ट किया था कि बीआरपी सरिता कुमारी के बदले उनके पति प्रवीण कुमार झा स्कूलों का निरीक्षण करते है. इस खबर पर बीईओ ने आपत्ति जताई और सरिता कुमारी को खुद निरीक्षण करने की बात कही. सरिता के पति को बीईओ की बात नागवार लगा और उन्होंने बीईओ को देख लेने की धमकी दी. डीपीओ को यह भी बताया है कि 21 मई 24 को डुमरा डायट में झा नशे में थे. जबतक पुलिस को बुलाया जाता, तब तक झा वहां से फरार हो गए. उन्होंने लिखा है ” झा कहते है कि पत्नी की नियुक्ति में दो लाख रूपये खर्च हुआ है, जिसकी भरपाई स्कूल से ही करेंगे. पत्र में बीईओ ने डीपीओ से बीआरपी सरिता कुमारी को सेवा मुक्त करने की अनुशंसा की थी. — प्रमुख भी बीईओ से खफा इधर, बोखड़ा प्रखंड प्रमुख भी सुधीर कुमार भी बीईओ की कार्यशैली से खफा है. निरीक्षण के नाम पर शोषण की शिक्षकों से मिली शिकायतों पर प्रमुख ने मिडिल स्कूल और प्राइमरी स्कूल, पोखरैरा का गत दिन औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्हें हैरान करने वाली जानकारियां मिली. इन बातों से प्रमुख ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को अवगत कराया है. कहा है कि बीईओ स्कूल से नदारद शिक्षकों से बिना जवाब प्राप्त किए आरोप मुक्त कर देते है. इससे क्या समझा जाए कि शिक्षक निर्दोष है या मोटी रकम लेकर उन्हें छोड़ दिया गया है. निरीक्षण पंजी पर नदारद दिखाया जाता है, फिर भी उस तिथि का वेतन भुगतान कर दिया जाता है. ऐसे शिक्षकों के बारे में वरीय को कोई रिपोर्ट नही किया जाता है. लिखा है कि बीईओ कभी भी प्रखंड मुख्यालय में नही रहते है. बॉक्स में — कहते है अधिकारी बीईओ की शिकायत के आलोक में बीआरपी का जवाब प्राप्त हुआ है. उसे देखा जायेगा. अगर जवाब संतोषप्रद नहीं हुआ, तो जिला स्तर से टीम गठित कर दोनों के आरोपों की जांच करा कार्रवाई की बिंदु पर निर्णय लिया जायेगा. सुभाष कुमार, डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान

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