मधुबनी. डीएम अरविन्द कुमार वर्मा की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शनिवार को जिला राजस्व समन्वय समिति एवं राजस्व संग्रहण की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई. जिसमें अतिक्रमणवाद की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने अतिक्रमण के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ ससमय निष्पादित करने का निर्देश दिया. उन्होंने सभी सीओ को अतिक्रमण वाद के मामलों को सरजमीनी पोर्टल पर अनिवार्य रुप से अपलोड करने का एवं जिला स्तर से उपलब्ध कराए गए फॉर्मेट में प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. साथ ही सभी डीसीएलआर को नियमित रुप से अंचलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. सभी सीओ को जल निकायों के अतिक्रमण को स्वयं चिन्हित कर उसपर अतिक्रमण वाद चलाकर अतिक्रमण मुक्त करने का भी निर्देश दिया. लोकसेवाओं के अधिकार की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि प्राप्त आवेदनों को निर्धारित अवधि में हर हाल में निष्पादित कराना सुनिश्चित करें. उपस्थित अंचल अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनता दरबार में सबसे अधिक परिवाद भूमि विवाद एवं अतिक्रमण से संबंधित होते हैं. भूमि विवाद के समाधान के लिए थाना दिवस को उपयोगी बताते हुए उन्होंने कहा कि भूमि विवाद से जुड़े मामलों में अधिकतर मामलों को भूमि की मापी करवाकर निष्पादित किया जा सकता है. इससे मामले न सुलझने पर अन्य कई विधि सम्मत कार्रवाई भी आरंभ की जा सकती है. भूमिविवाद के मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ ससमय निष्पादित करने का निर्देश दिया. अभियान बसेरा की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इसके तहत एक भी पात्र भूमिहीन छूटे नही, इसे हर हाल में सुनिश्चित करें. बिना विलंब किये 35 एवं 75 कार्यदिवस की समय सीमा में अनिवार्य रूप से दाखिल खारिज को निष्पादित करने को कहा. उन्होंने अनुपस्थित सीओ जयनगर एवं फुलपरास से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है