बक्सर. किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के मामले में बक्सर जिला पूरी तरह असफल हो गया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में लक्ष्य का 1 प्रतिशत भी गेहूं की खरीदारी नहीं हुई है. सरकार द्वारा चालू रबी विपणन वर्ष में बक्सर जिला के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 20 हजार 143 एमटी निर्धारित किया गया था. जिसके विरुद्ध मात्र 150.30 एमटी गेहूं खरीद हुई है, जो लक्ष्य का मात्र 0.74 प्रतिशत है. जबकि गेहूं खरीदारी की अंतिम तिथि शनिवार को समाप्त हो गयी. केंद्र सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय है. जिले में विकेन्द्रीकृत प्रणाली के तहत गेहूं खरीद की जिम्मेवारी चयनित सहकारी समितियों को सौंपी गई थी. सहकारिता विभाग द्वारा इस साल जिले की कुल 135 समितियों को गेहूं खरीद की स्वीकृति दी गई थी. जिसमें 128 पैक्स एवं 07 व्यापार मंडल शामिल थे. औंधे मुंह गिरी सरकारी खरीदारी इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य से गेहूं का बाजार मूल्य अधिक होने के चलते किसान सहकारी समितियों को अपना गेहूं न बेचकर व्यापारियों व अढ़तियों के हाथों एमएसपी से ज्यादा कीमत पर बेच दिए. किसानों की माने तो गेहूं का बाजार भाव एसएसपी से 200 से 250 रुपये अधिक मिल रहा है. ऐसे में सहकारी समितियों को एमएसपी पर गेहूं बेचकर कौन किसान घाटे का सौदा करता. जाहिर है कि विकेन्द्रीकृत प्रणाली के तहत पंचायत स्तर पर पैक्स एवं प्रखंड स्तर पर गेहूं खरीद क्रय केन्द्र खोले गए थे. इच्छुक किसान को बेचने के लिए अपना गेहूं क्रय केन्द्र पर ले जाना होता था. जिसका खर्च किसानों को वहन करना पड़ता था. जबकि व्यापारी एमएसपी से ज्यादा कीमत चुकता कर किसानों के दरवाजे अथवा खेत-खलिहानों से ही गेहूं खरीद कर ले रहे हैं. 47 किसानों से हुई है गेहूं की खरीदारी सहकारिता विभाग के पोर्टल पर गेहूं बेचने के लिए इस साल 574 किसानों ने ऑन लाइन आवेदन दिया था. जिसमें से मात्र 47 किसानों से 150.30 एमटी गेहूं खरीद हुई है. इसमें नावानगर प्रखंड के सबसे ज्यादा 199 किसान ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराए हैं. जबकि 122 किसानों के आवेदन के साथ इटाढ़ी प्रखंड दूसरे पायदान पर है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है