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Patna : एसआइए रिपोर्ट के इंतजार में रुका बिहटा एयरपोर्ट का जमीन अधिग्रहण

सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट के इंतजार में बिहटा एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण रुका हुआ है. इसके कारण एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा मांगी गयी आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन अब तक उसे सौंपी नहीं जा सकी है और इससे एयरपोर्ट का निर्माण भी नहीं शुरू हो सका है.

अनुपम कुमार, पटना : बिहटा एयरपोर्ट का निर्माण माॅनसून के बाद ही शुरू हो सकेगा. जमीन अधिग्रहण के भुगतान में अभी दो से तीन माह का समय लग सकता है. एसआइए (सोशल इंपैक्ट एसेसमेंट) रिपोर्ट के इंतजार में जमीन अधिग्रहण रुका हुआ है. इसके कारण एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा मांगी गयी आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन अब तक उसे सौंपी नहीं जा सकी है और इससे एयरपोर्ट का निर्माण भी नहीं शुरू हो सका है. एसआइए रिपोर्ट बनाने का जिम्मा राज्य सरकार ने एक एजेंसी को सौंपा है, जो अगले पूरी हो जायेगी. उसके बाद अधिगृहीत की जाने वाली जमीन के मुआवजे की दर का निर्धारण होगा. एसआइए में परियोजना के पूरे होनेे से क्षेत्र के लोगों के सामाजिक- आर्थिक उत्थान होने की संभावना के साथ-साथ उस जमीन अधिग्रहण होने से होने वाले सामाजिक-आर्थिक नुकसान का आकलन किया जाता है.

108 एकड़ जमीन दे चुकी राज्य सरकार

बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण के प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष 2017-18 में ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मंजूरी मिल चुकी है. राज्य सरकार एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बिहटा एयरफोर्स बेस स्टेशन के करीब सिविल एनक्लेव के निर्माण के लिए 108 एकड़ जमीन पहले ही दे चुकी है.

रनवे विस्तार को 191 एकड़ अतिरिक्त जमीन

बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए टर्मिनल के लिए मिलने वाली जमीन के अतिरिक्त 191 एकड़ और जमीन की जरूरत पड़ेगी. वर्तमान में यहां एयरफोर्स बेस स्टेशन का रनवे है, लेकिन उसकी लंबाई 2500 मीटर ही है. इतने लंबे रनवे पर केवल छोटे और मंझोले आकार के विमान उतर सकते हैं लेकिन बड़े जंबो जेट और कार्गो विमान नहीं उतर सकते हैं. इनके उतरने लायक रनवे बनाने के लिए यहां 191 एकड़ और जमीन की जरूरत पड़ेगी. तभी वर्तमान रनवे को 1500 मीटर बढ़ा कर उसे चार किमी लंबा किया जा सकेगा, जिस पर बड़े से बड़ा विमान भी आसानी से उतर सकेगा और भविष्य में उसे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा.

पार्किंग निर्माण के लिए चाहिए आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन

108 एकड़ जमीन मिलने के बाद एयरपोर्ट ऑथोरिटी द्वारा तैयार डीपीआर में 25 लाख सालाना क्षमता वाले सिविल एनक्लेव के टर्मिनल भवन का निर्माण पूरा हो जा रहा था, लेकिन हवाई यात्रियों के वाहनों की पार्किंग के लिए जमीन नहीं मिल पा रही थी. इसको देखते हुए एयरपोर्ट ऑथोरिटी ने आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की. इसके लिए अधिग्रहित जमीन से सटे विशंभरपुर गांव के आठ एकड़ अतिरिक्त जमीन की मांग की गयी. इसे बीते वर्ष राज्य सरकार ने स्वीकृति भी दी. इस वर्ष जनवरी-फरवरी में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू भी हुई और कहा गया कि जून तक इसे पूरा कर जमीन सौंप दी जायेगी. लेकिन इसमें तीन-चार महीने और लगेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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