संवाददाता, पटना : बिहार में 300 से अधिक किस्मों के आम उत्पादित होते हैं. यहां के जर्दालु आम की विशिष्ट पहचान है. बिहार में आम की पैकेजिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं प्रोसेसिंग आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी. ये बातें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में आयोजित दो दिवसीय बिहार आमोत्सव-2024 के उद्घाटन के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि इसकी पैकेजिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए सटीक योजना होनी चाहिए. बिहार में इनके लिए प्रसंस्करण इकाई की स्थापना भी की जानी चाहिए. बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. ये पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं. मौके पर राज्यपाल ने ‘आमोत्सव-2024 पर आधारित स्मारिका कम्पएंडियम ऑफ मैंगो वेरिटल वेल्थ ऑफ बिहार, राजभवन उद्यान : एक झलक, जर्दालु आम विषयक लघु वृत्तचित्र एवं मैंगो पोर्टल’ का उद्घाटन भी किया. उन्हाेंने कालानमक चावल मैन के नाम से प्रसिद्ध पद्मश्री डॉ आरसी चौधरी, किसान चाची के नाम से मशहूर पद्मश्री राजकुमारी देवी व मैंगो मैन के नाम से प्रसिद्ध अशोक चौधरी को सम्मानित किया.मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, कृषि मंत्री मंगल पांडे, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ प्रेम कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार सहित बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति आदि मौजूद थे. वहीं, उद्घाटन के पहले राज्यपाल ने राजभवन के परिसर में लगायी गयी आम प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. राज्यपाल द्वारा गोवा से लाये गये आम के पौधे का रोपण उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने राजभवन परिसर में किया. रविवार को सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक लोग प्रदर्शनी में जा सकते हैं, प्रवेश नि:शुल्क है.
चावल मैन डॉ आरसी चौधरी, किसान चाची राजकुमारी देवी और मैंगो मैन अशोक चौधरी किये गये सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने बिहार आमोत्सव-2024 पर आधारित स्मारिका, बिहार की आम किस्म की संपदा का सार-संग्रह, राजभवन उद्यान : एक झलक, जर्दालु आम विषयक लघु वृत्तचित्र एवं मैंगो पोर्टल का उद्घाटन भी किया. साथ ही काला नमक चावल मैन पद्मश्री डॉ आरसी चौधरी, किसान चाची पद्मश्री राजकुमारी देवी व मैंगो मैन अशोक चौधरी को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया.
आमोत्सव में 40 से अधिक लगे हैं स्टॉल
आमोत्सव में 40 से अधिक स्टॉल लगे हैं. इनमें आम के अलावा जूस व अचार के भी शामिल हैं. साथ ही डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा, कृषि विज्ञान केंद्र, राजभवन, बिहार कृषि विवि सबौर, सीडैक आदि ने भी अपना स्टॉल लगाया है. सबौर विवि ने 50, राजभवन ने 18 व पूसा विवि ने भी 50 से अधिक प्रजाति के आम प्रदर्शनी में लगाये हैं.
125 रुपये किलो बेच रहे भागलपुर का जर्दालु
एग्रो प्वाइंट कृषक प्रोड्यूसर के स्टॉल पर 500 रुपये प्रति चार किलो पैकेट जर्दालु व 500 रुपये प्रति पांच किलो पैकेट दुधिया मालदह बिक रहा है. इसके अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस साल संगठन की ओर से 70 किलो आम भागलपुर से देश-विदेश में भेजा गया है. करीब 200 टन इस बार उत्पादन हुआ है. दुबई में दो बार भागलपुर से आम भेजा गया है.
एक लीटर पल्प से बनेगा चार लीटर जूस
सुमन वाटिका फुड प्रोडक्ट्स के नीलेश रंजन ने बताया कि उनके स्टॉल पर मैंगो ड्रिंक उपलब्ध है. इसे दो से तीन वेराइटी को ब्लेंड कर उसके पल्प से तैयार किया जाता हैं. 250 एमएल का बोतल 20 रुपये में बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि देसी तरीके से बने जूस आम आदमी घर पर भी बना सकते हैं. पल्प से एक लीटर की बोतल तैयार की गयी है. इसके दाम 130 रुपये हैं. इसे तीन लीटर पानी में घोल कर ड्रिंक बना सकता हैं.
दरभंगा से 13 वेराइटी के आम लेकर आये हैं
दरभंगा से आये किसान दिनेश भगत के बगीचे में चार सौ से अधिक आम के पेड़ हैं. यह बगीचा उनके पूर्वजों ने ही तैयार किया है. उन्होंने बताया कि उनके बगीचे के गुलाबखास, दशहरी, आम्रपाली, रत्ना, मालदह, मल्लिका, जरदा, बंबई, अल फजली आदि 13 वेराइटी के आम प्रदर्शनी में लगे हैं. मौसम का सहयोग नहीं मिलने के कारण इस साल आम का उत्पादन अच्छा नहीं हुआ है.
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