कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ माधवेंद्र झा ने रसायन शास्त्र कार्यशाला में बताया कि वायुमंडल रसायन पर ही आधारित है और रसायन का उपयोग सही होगा तो सब कुछ शुद्ध होगा हमारे कंधे पर ही समाज को सजाने संवारने का जुआ है. विश्व स्वास्थ्य व्यवस्था हमारे अपने हाथों में है, जैविक रसायन का अच्छे तरीके से अध्ययन शुद्ध, परिस्कृत और स्वस्थ बना सकता है. प्रधानाचार्य ने बताया कि कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती है तो गर्मी बढ़ती है इसीलिए कार्बन डाइऑक्साइड की भारी मात्रा को काटने के लिए उपभोक्ताओं की आवश्यकता है और इसको बैलेंस करने के लिए उपभोक्ताओं के रूप में अधिक से अधिक वृक्ष लगाने होंगे. लोग लगातार बीमार पड़ रहे हैं और इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रासायनिक संगठन एवं संरचना का अध्ययन करना पूरी तरह से उन्होंने छोड़ दिया है.
समाज और वायुमंडल में हर चीज को शुद्धिकृत रखने के लिए हर युवा बुजुर्ग महिलाओं को आवश्यकता है कि वह बायोकेमेस्ट्री का ज्ञान निश्चित तौर पर ले. कार्यक्रम के दौरान मौके पर भौतिकी विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर शिवेंद्र आचार्य, उप प्रधानाचार्य डॉक्टर ललन कुमार झा ने भी रसायन शास्त्र विषय पर संबोधित किया.कार्यक्रम के दौरान मौके पर प्रोफेसर श्यामल किशोर जायसवाल, प्रोफेसर कुमार राजीव रमन, प्रोफेसर विजेंदर झा, प्रोफेसर अमरेंद्र कुमार झा, प्रोफेसर ओम प्रकाश यादव, प्रोफेसर कुमार चंद्रशेखर, प्रोफेसर दिलीप कुमार, प्रोफेसर विनोद शंकर, प्रोफेसर अजय कुमार, प्रोफेसर भगवान प्रसाद सिंह, प्रोफेसर प्रियंका पूजा, प्रोफेसर भारती सहित कई अन्य मौजूद रहे.
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