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ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का धनबाद में खराब प्रदर्शन, सीएस को शो कॉज

हटाए गए ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के नोडल पदाधिकारी

विक्की प्रसाद, धनबाद.

सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गयी ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का जिले में बुरा हाल है. इसे लेकर स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने धनबाद के सिविल सर्जन को शोकॉज किया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा में धनबाद जिला राज्य के 24 जिलों में 23वें स्थान पर है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार मई माह में धनबाद जिले के विभिन्न सुदूर ग्रामीण इलाकों में सिर्फ 1979 मरीजों को ही ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के तहत चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया गया. जबकि, धनबाद जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले मरीजों को ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के तहत चिकित्सीय परामर्श प्रदान करने के लिए 58 चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी है. हर दिन एक चिकित्सकों को औसतन 10 मरीजों को टेली कंसल्टेशन (वीडियो कांफ्रेंसिंग) के जरिए चिकित्सीय परामर्श देना अनिवार्य है.

चिकित्सकों के ऑफलाइन होने के कारण सेवा से वंचित हो रहे मरीज:

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के तहत जिले के परफॉर्मेंस के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में चिकित्सकों के ऑफलाइन रहने की बात कही गयी है. यानी, इस सेवा के तहत नियुक्त चिकित्सक ज्यादातर समय ऑफलाइन रहते हैं. ऐसे में ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से संपर्क करने पर भी मरीजों का कॉल चिकित्सकों तक नहीं पहुंच पाता है.

सीएस को शोकॉज मिलने के बाद हटाए गए नोडल :

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के खराब परफॉर्मेंस को लेकर स्वास्थ्य मुख्यालय द्वारा सीएस को शोकॉज करने के बाद नोडल पदाधिकारी को हटा दिया गया है. पूर्व में बलियापुर के एमओआइसी डॉ राहुल को ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन का नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया था. इनके स्थान पर डॉ विकास राणा को ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन का नया नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है. साथ ही नए नोडल को परफॉर्मेंस सुधारने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.

क्या है ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा :

ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से लोगों को नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ऑनलाइन ओपीडी डॉक्टर परामर्श दिया जाता है. उपस्थित सीएचओ की ओर से रजिस्टर्ड चिकित्सकों से बात करा कर मरीज का इलाज किया जाता है. इसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य के तहत संचालित किया जा रहा है.

कोताही बर्दाश्त नहीं :

सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने कहा कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. इसे लेकर सभी चिकित्सकों को काम में लापरवाही नहीं बरतने की हिदायत दी गयी है. आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस सेवा का लाभ देने का पूरा प्रयास किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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