18 जून से 37 जिलों को क्लस्टर बनाकर दी जायेगी ट्रेनिंग मुजफ्फरपुर जिला के सभी प्रखंडों में पायलट प्रोजेक्ट हो चुका है सफल संवाददाता,पटना मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत अब हर नवजात बच्चे का लाइव डिजिटल हेल्थ रिकाॅर्ड तैयार किया जायेगा. गांव-गांव में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली 85 हजार से अधिक आशा को प्रशिक्षण मिलेगा. राज्य की 37 जिलों के सभी आशा को एम-आशा एप की ट्रेनिंग दी जायेगी. इस एप के माध्यम से आशा को नवजात से लेकर गर्भवती महिलाओं की जांच से संबंधित सभी प्रकार की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज की जायेगी. इससे आशा की रिपोर्टिंग में सुधार होगा साथ ही उनको अपने साथ किसी प्रकार का रजिस्टर लेकर घर-घर भ्रमण करने की जरूरत नहीं होगी. सभी आशा को पहले ही स्मार्ट फोन दिया जा चुका है. ग्रामीण क्षेत्र में आशा को घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं के साथ नवजात शिशुओं की देखभाल करनी होती है. साथ ही गृह भ्रमण के दौरान उनको हर भ्रमण के दौरान होम विजिट फाॅर्म को भरना है. इस फाॅर्म में आशा द्वारा नवजात शिशु का जन्म से लेकर 28 दिनों तक देखभाल किया जाना है. उस शिशु की देखभाल के दौरान आशा को बच्चे की जन्म तिथि, गर्भधारण की पूरी अवधि, क्या बच्चा समय से पहले जन्म लिया है, क्या बच्चे के जन्म के समय मां को सुबह-दोपहर-शाम-रात में कोई परेशानी हुई थी, अगर परेशानी हुई थी तो उसको रेफर किया गया, जन्म के बाद बच्चे को सबसे पहले क्या पिलाया गया, स्तनपान कैसे किया, शरीर का तापमान कितना है, नवजात की आंखे सामान्य है, सूजी हुई है या मवाद निकलता है, क्या शिशु के नाल से रक्तस्राव हो रहा है, बच्चे का अंग सुस्त है जैसी दर्जनों सूचनाएं आशा को दर्ज करनी होती हैं. प्रशिक्षण के बाद अब आशा को एम-आशा एप पर इन सभी सूचनाओं को दर्ज करना होगा. इससे हर बच्चे का हेल्थ रिकाॅर्ड राज्य स्तर पर तैयार होगा. इसके आधार पर सरकार को भावी योजनाएं तैयार करने और डाटा का विश्लेषण करने का मौका मिलेगा. वर्तमान में मुजफ्फरपुर जिला के सभी प्रखंडों में एमआशा एप को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफल संचालन किया जा चुका है. अब शेष 37 जिलों में लाइव एम आशा एप का प्रशिक्षण 18 जून से शुरू हो रहा है.
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