जमशेदपुर:घाटशिला कॉलेज के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर इंदल पासवान को पौधारोपण का जुनून है. धरती को हरियाली बनाने की चाह में पौधारोपण को उसने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया है. वह अपनी टीम के साथ हर सप्ताह रविवार के दिन पौधारोपण करते हैं. व्यक्तिगत स्तर पर भी वह आये दिन पौधे लगाते हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं.उनके इस जुनून ने न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाया है, बल्कि समाज में भी जागरूकता फैलाई है. इंदल पासवान का यह समर्पण लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बन गया है. प्रो. इंदल पासवान व उनकी टीम ने अबतक 1 लाख से अधिक पौधारोपण कर चुके हैं.
2009 से कर रहे हैं पौधारोपण
प्रो. इंदल पासवान वर्ष 2009 से लगातार पौधारोपण करते आ रहे हैं. पहले व्यक्तिगत स्तर पर पौधारोपण करते थे. लेकिन बाद में उसने पौधारोपण के लिए मुहिम चलाना शुरू किया. उन्होंने एक पेड़ जान के लिए-जहान के लिए मुहिम शुरू की है. इस अभियान में अभी उनके साथ 30 से अधिक लोग उनके साथ जुड़े हुए हैं. उनकी टीम के द्वारा सार्वजनिक जगहों पर छायादार पौधा लगाया जाता है. किसी के व्यक्तिगत जगह पर फलदार पौधे लगाये जाते हैं.कई लोग जो अपने खाली जगहों पर पौधारोपण करना चाहते हैं. वे प्रो. इंदल पासवान से संपर्क करते हैं. फिर वे अपनी सुविधा के अनुसार शिडयूल तैयार करते हैं. इस तरह हर रविवार को सुबह 6 बजे 9 बजे तक तय जगह पर वे अपनी टीम के साथ पौधारोपण करते हैं.
उसने पर्यावरण मित्र नाम से बनायी है टीम
प्रोफेसर साहब ने पर्यावरण प्रेमियों के लिए पर्यावरण मित्र नाम से एक टीम बनायी है. पर्यावरण मित्र नाम से उनका एक वेबसाइट भी चलता है. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंटाग्राम, वाट्सएप व ट्वीटर में भी इसी नाम से ग्रुप बनाया गया है. वे जब-जब जहां कहीं भी पौधारोपण करते हैं कि तो उसकी तसवीरों को सोशल मीडिया सेक्शन में शेयर करते हैं. ताकि लोग उनके कार्यों को देख जागरूक हों और वे भी अपने दैनिक जीवन में पौधारोपण करे. उनका उद्देश्य है कि हर व्यक्ति पौधारोपण को अपनी दैनिक आदत बनाए, ताकि पर्यावरण संरक्षित रहे.
उपहार में लाेगों को देते हैं पौधा
प्रो. इंदल पासवान लोगों का पौधारोपण के प्रति ध्यानाकर्षण के लिए शादी हो या जन्म दिवस, हर आयोजन में लोगों को उपहार के रूप में पौधा भेंट देते हैं. साथ ही उनके आग्रह करते हैं कि उस पौधा को बचाने में अपना योगदान दें. वे बताते हैं कि कई लोग पौधारोपण तो करते हैं. लेकिन उसको बचाने में कामयाब नहीं होते हैं. इसलिए जो भी व्यक्ति पौधारोपण करते हों तो उसको बचाने के लिए भी आवश्यक उपाय करें. पौधारोपण करने के बाद ट्री-गार्ड को लगाये. पौधे को नियमित देखभाल भी करें.
सामाजिक व धार्मिक स्थलों में लगा चुके हैं पौधे
बहरागोड़ा से लेकर रांची तक प्रो. इंदल पासवान के नेतृत्व में सामाजिक व धार्मिक स्थलों में नियमित पौधारोण का कार्य किया जा रहा है. घाटशिला के फुलडुंगरी से तामुकपाल लगभग तीन किलोमीटर तक हाइवे किनारे 100 महुआ के बीज रोपित कर चुके हैं. डुमरिया, गुडाबांधा, चेंगजोड़ा समेत अन्य जाहेरथान में ग्रामीणों की मदद से कई साल पेड़ को लगा चुके हैं. इसके अलावा कई मुक्तिधामों में भी पौधारोपण कर चुके हैं.
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प्रो. इंदल पासवान को है पौधारोपण का जुनून, अब तक लगा चुके हैं 1 लाख से अधिक पौधे
प्रोफेसर इंदल पासवान को पौधारोपण का जुनून है. धरती को हरियाली बनाने की चाह में पौधारोपण को उसने दैनिक जीवन का हिस्सा बना लिया है. वह अपनी टीम के साथ हर सप्ताह रविवार के दिन पौधारोपण करते हैं.
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