::: 150 लाख गैलन पानी हर रोज नगर निगम 12 घंटे में करता है सप्लाई
::: 110-115 लाख गैलन पानी घरों में सप्लाई, बाकी 38-40 लाख गैलन
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
शहर की एक बड़ी आबादी इन दिनों इस भीषण गर्मी में पेयजल संकट से जूझ रहा है. मलिन व मुस्लिम बस्तियों में रहने वाले लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं. फिर भी उन्हें राहत नहीं है. दूसरी तरफ, नगर निगम से आपूर्ति होने वाले पानी का एक चौथाई हिस्सा शहर की सड़कों पर फैले धूलकण को खत्म करने व पाइपलाइन लीकेज के कारण नाले में बह जा रहा है. यह हम नहीं नगर निगम का रिपोर्ट बता रहा है. दरअसल, रोजाना डेढ़ सौ लाख गैलन पानी की आपूर्ति नगर निगम 12 घंटे में करता है. इसमें 85 लाख गैलन पानी की आपूर्ति उच्च क्षमता वाले 29 जलापूर्ति पंप एवं 65 लाख गैलन पानी की आपूर्ति सबमर्सिबल से होता है. कुल डेढ़ सौ लाख गैलन पानी की आपूर्ति रोजाना 12 घंटे में नगर निगम करता है. इसमें 110 लाख गैलन पानी लोगों की घरों एवं दुकानों में सप्लाई हो रहा है. वहीं, 38 से 40 लाख गैलन पानी पाइपलाइन लीकेज से बर्बाद होने के साथ पब्लिक पोस्ट, फायर हाइड्रेंट एवं शहर की सड़कों पर फैले धूलकण को खत्म करने पर उपयोग किया जा रहा है.साढ़े दस लाख लीटर क्षमता का बना है 11 जलमीनार
शहर में साढ़े दस लाख लीटर क्षमता का 11 जलमीनार बना है. इसमें से अभी 07 जलमीनार चालू है, जिससे 07 लाख लीटर गैलन पानी की आपूर्ति होती है. बता दें कि शहर में कुल 500 किलोमीटर में पाइप लाइन बिछाई गई है. जबकि, पूरे सड़कों की लंबाई लगभग 600 किलोमीटर के आसपास है. नगर निगम अभी जलापूर्ति की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार आबादी पर काम कर रहा है. जबकि, अभी शहर की आबादी पांच लाख से ऊपर हो चुकी है.05 एचपी के 225 सबमर्सिबल लगा है पूरे शहर में
05 एचपी के 225 सबमर्सिबल पूरे शहर में लगा है. इसके अलावा 29 उच्च क्षमता वाला जलापूर्ति पंप है. इन्हीं पंपों से पानी की आपूर्ति पूरे शहर में होती है. जहां-जहां पाइपलाइन नहीं पहुंच पाया है. नगर निगम उन जगहाें पर 442 चापाकल लगाने की दावा कर रहा है. इसमें से चालू अवस्था में तीन सौ के आसपास ही है. बाकी 142 हैंडपंप मरम्मत के अभाव में खराब है या फिर मरम्मत होने की स्थिति में नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है