सीवान. मानसून ने तो किसानों को दगा दिया ही है जल संसाधन विभाग जिसे सिचाई के लिये किसानों के खेत तक पानी पहुंचाना है उसने भी किसानों को समय पर पानी उपलब्ध नहीं कराया है. आमतौर पर दो जून की तिथि नहरों में पानी छोड़ने के लिए निर्धारित है इसमें भी एक पखवारा का बिलंब हो चुका है. 15 जून को विभाग ने बाल्मीकिनगर बराज से नहरों के लिए पानी छोड़ा है. जिसके मेन कैनाल में पहुंचना शुरू हुआ है.मुख्य वितरणी,उपवितरणी आदि होते हुए खेतों तक पहुंचने में करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है.विभाग का कहना है नेपाल और बिहार सरकार के संयुक्त निर्णय के बाद पानी छोड़ा जाता है.कुछ तकनीकी कारण से मरम्मत कार्य में देरी हुई है. यह है स्थिति जिले में कुल खेती योग्य भूमि 1 लाख 72 हजार 389 हेक्टेयर है. इनमें से सिंचित भूमि 89 हजार 553हेक्टेयर है.जिले में 220 नलकूप स्थापित किए गए हैं.नलकूप खराब होने से लगभग 157 हेक्टेयर ही सिंचाई हो पाती है. ऐसे में कुल सिंचित भूमि का करीब 48 प्रतिशत खेती पंपसेट व मौसम के भरोसे है. पंपसेट से सिंचाई काफी खर्चीली है.नतीजतन ये खेत अब बंजर होते जा रहे हैं.जिले में करीब छह हजार हेक्टेयर खेत बंजर हो चुके हैं. :यह है नहरों की स्थिति सारण मुख्य नहर : पांच साल से इस मुख्य नहर में पानी नहीं है. इस नहर से जिले में सिंचाई के लिए 15 कैनाल और 70 उपवितरणी की शाखाएं निकली है.पानी नहीं होने से किसान पंपसेट के भरोसे सिंचाई पर निर्भर हैं.जल संसाधन विभाग के तीन प्रमंडल सीवान,मैरवां व महाराजगंज के साथ मढ़ौरा प्रमंडल से भी आंशिक सिचाई का काम होता है.लेकिन नहरों से पानी आने के बाद नही हर खेत तक पानी पहुंचाने की बेहतर व्यवस्था के बाद भी इसका समुचित उपयोग नहीं हो पाता है. नलकूप है खस्ताहाल ऐसी जगह जहां खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नहर व वितरणी नहीं है, नलकूप स्थापित किये गये. इनसे 220 से 500 एकड़ खेतों को सींचा जा सकता है..आंकड़े की बात करे तो 134 नलकूप चालू हालत में है.86 बन्द हो चुके हैं.62 यांत्रिक दोष ,3 विद्युत दोष तो 21 नलकूप संयुक्त दोष के कारण बन्द है.नलकूप व्यवस्था ग्राम पंचायत के जिम्मे है,जिनमे अधिकांश को मरम्मत का पैसा विभाग द्वारा सौंपा जा चुका है.काम नही कराने के कारण चालू नहीं हो सका है.जिसके कारण व ऑपरेटर के अभाव में ज्यादातर नलकूप बेकार साबित हो रहे हैं. क्या कहते हैं अधिकारी विभाग उपलब्ध संसाधन के अनुसार पूर्ण सुविधा उपलब्ध कराता है.नहरों के सुदृढ़ीकरण के बाद स्थित बेहतर हुई है.फिलहाल करीब 89 हजार हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा विभाग उपलब्ध करा रहा है.15 जून को बैराज से पानी छोड़ा गया है शीघ्र ही हर खेत तक पानी पहुंच जाएगा. ई अवधेश कुमार मुख्य अभियंता, सिंचाई सृजन जल संसाधन विभाग,सीवान एक नजर जिले में खेतों की स्थिति खेती योग्य भूमि 1,72389 हेक्टेयर सिंचित क्षेेत्र की भूमि 89,553हेक्टेयर असिंचित भूमि – 82836 हेक्टेयर नहर क्षेत्र से संचित 89496 हेक्टेयर नलकूप क्षेत्र से संचित 157 हेक्टेयर
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