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गर्मी से सूखने लगे पेड़- पौधे

भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित हो गया है. इंसान सहित पशु पक्षी तीखी धूप व उमसभरी गर्मी से परेशान हैं. धूप, तपिश और उमस के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है.आसमान से आग बरसाती गर्मी ने सबको बेहाल कर दिया है. मानव तो मानव पशु, पक्षी भी बूंद-बूंद पानी और छाया को तरसते रहे हैं.

सीवान.भीषण गर्मी से जनजीवन प्रभावित हो गया है. इंसान सहित पशु पक्षी तीखी धूप व उमसभरी गर्मी से परेशान हैं. धूप, तपिश और उमस के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. आसमान से आग बरसाती गर्मी ने सबको बेहाल कर दिया है. मानव तो मानव पशु, पक्षी भी बूंद-बूंद पानी और छाया को तरसने रहे हैं. जिले से होकर गुरनेवाली सरयू ,झरही व दाहा नदी भी सूखने लगी है.इसके अलावा मैदानी भाग के तालाब,पोखरा व सहायक छोटी नदियों में पानी नाम मात्र का रह गया है. पोखरे और तालाब सूखने के कगार पर हैं.कुआं व हैंडपंप का जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है. ग्रामीणों में पेयजल संकट के अलावा पशु, पक्षियों को पीने के लिए नदी नालों में पानी की कमी हो गई है. बचे हुए गड्ढों के पानी में घुमंतु जानवर कर अपने बदन की तपिश मिटा रहे है. मानसून की अभी तक कोई उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. बारिश नहीं होने से पशुओं के सामने हरा चारे की समस्या है, तो नहरों के सूख जाने से सिंचाई तो दूर, घुमंतू मवेशियों के लिए पीने की पानी तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इस बढ़ते तापमान में बिजली की लचर व्यवस्था से ग्रामीण परेशान है.पशु-पंक्षी भूख प्यास से व्याकुल होकर रिहायशी इलाकों में आकर तड़प रहे है.जागरूक लोग इन जानवरों और पंक्षियों के लिए घर के बाहर और छतों पर पानी दाना रखना शुरू कर दिया है. सप्ताह भर सताएगी उमसभरी गर्मी सोमवार को अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.इस दौरान आर्द्रता 45 फीसदी रही.आर्द्रता के चलते 46 डिग्री सेल्सियस की गर्मी महसूस की गई.मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल उमस भरी गर्मी से निजात नही मिलने वाली है.आने वाले दिनों में तापमान में इजाफा होने वाला है. इंसान सहित मर रहे पशु पक्षी भीषण गर्मी से इंसान सहित पशु पक्षियों के मृत्यु दर में वृद्धि हो रही है. इन दिनों अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या बढ़ी है.सिसवन ,दरौली व गुठनी के सरयू नदी तट पर सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ भी देखने को मिल रही है.शवदाह करने वाले मजदूरों का कहना है कि गर्मी के इस मौसम में एक सप्ताह से अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शवों की संख्या बढ़ी है.

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