राज्य सरकार ने दी तीन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर सैद्धांतिक सहमति, गिरिडीह से रांची की दूरी हो जायेगी 138 किमी
प्रतिनिधि, गिरिडीह
प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले रांची-देवघर हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर को सैद्धांतिक सहमति मिल गयी है. रांची से ओरमांझी, गोला, रजरप्पा, लुगुबुरू पहाड़ी, डुमरी, मधुबन मोड़, बुढ़ई होते हुए देवघर तक 201 किमी यह कॉरिडोर बनेगा. कॉरिडोर में रजरप्पा, लुगुबुरू, पारसनाथ व देवघर जैसे धार्मिक स्थल जुड़ेंगे. इसमें लगभग 31 किमी सड़क बनी हुई है. शेष 170 किमी सड़क के निर्माण की हरी झंडी राज्य की चंपाई सोरेन सरकार ने दे दी है. सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने बताया कि हॉली टूरिस्ट कॉरिडोर के निर्माण पर लगभग 1020 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. कॉरिडोर के अलावा गिरिडीह बाइपास और झरियागादी के पास आरओबी बनाने के लिए काफी दिनों से वह और गिरिडीह सांसद प्रयासरत थे. हालांकि केंद्र सरकार से निराशा हाथ लगी. उन्होंने बताया कि इन तीनों ही योजनाओं पर सहमति मिल गयी है. अब डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा. डीपीआर बनने के बाद निर्माण का प्रस्ताव प्राधिकृत समिति के पास रखी जायेगा और फिर कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.करीब 180 करोड़ की लागत से बनेगा गिरिडीह बाइपास
सुदिव्य कुमार सोनू ने बताया कि गिरिडीह बाइपास 180 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की लागत से बनाया जायेगा. इसके तहत गिरिडीह-डुमरी पथ पर जोरापहाड़ी से बनियाडीह, चुंजका, गादीश्रीरामपुर, चतरो से होते हुए खंडोली होते हुए महुआर तक बाइपास सड़क की स्वीकृति मिल गयी है. सड़क 30 किमी लंबी होगी. सर्वे पूरा हो चुका है. इस सड़क पर दो आरओबी, 2 व्हीकल अंडरपास और चार पुल बनाये जाने हैं. एक से डेढ़ माह में इसका काम शुरू होने की संभावना है. वहीं जोरापहाड़ी के पास से जमुआ रोड से क्रॉस ओवर करते हुए बेंगाबाद के महुआर तक 24 किमी बाइपास निर्माण कराना प्रस्तावित है. सड़क के लिए भूमि का अधिग्रहण होना है.60 करोड़ की लागत से झरियागादी में बनेगा आरओबी
60 करोड़ रुपये की लागत से गिरिडीह स्टेशन के पास झरियागादी में आरओबी बनेगा. विधायक ने बताया कि राज्य सरकार से इसकी स्वीकृति मिल गयी है. सर्वे पूरा हो चुका है. 708 मीटर बनने वाले इस आरओबी में राज्य सरकार पैसा लगा रही है. उन्होंने बताया कि सर्वे का काम पूरा होने के बाद अब डीपीआर पर काम किया जा रहा है. दो माह के अंदर यह योजना धरातल पर उतरेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है