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प्रसव के बाद नवजात की हुई मौत, लापरवाही का लगाया आरोप

कहा, प्रसव के 30 मिनट के बाद ही बिना जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज किये भेज दिया घर

गिद्धौर . इन दिनों दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर में प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने का मामला आम हो गया है. यहां आये दिन प्रसव के दौरान कभी प्रसूता तो कभी नवजात की मौत के मामले आते रहते हैं. ताजा मामला सोमवार का है. पतसंडा गांव निवासी गणेश राम के पुत्र मुन्ना कुमार अपनी पत्नी पंचोला कुमारी को प्रसव कराने साथ लेकर दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गिद्धौर आये थे. यहां मरीज को सुबह 8:20 बजे भर्ती कराया गया. चिकित्सक के निर्देश पर एनएम नूतन कुमारी व अन्य स्वास्थ्य कर्मी द्वारा 11: 25 बजे पंचोला कुमारी का प्रसव करा दिया गया. प्रसव के बाद मरीज व नवजात की स्थिति सामान्य रहने की बात कह जच्चा व बच्चा को बिना डिस्चार्ज किये घर भेज दिया गया. इसके कुछ घंटे के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गयी, तो परिजन नवजात की चिकित्सकीय जांच को लेकर अस्पताल पहुंचे. वहां स्वास्थ्य कर्मियों ने उक्त नवजात को मृत घोषित कर दिया. इधर घटना से आहत प्रसूता पंचोला देवी के परिजन गणेश राम, बटेश्वर राम, मुन्ना कुमार, विकास कुमार राम, रेखा देवी, सुनीता कुमारी, सुभाष कुमार राम रोहित कुमार आदि ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रसव से जुड़े मामले में प्रसूता एवं नवजात की सुरक्षा को लेकर 24 से 48 घंटे तक विभागीय स्तर से मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखने के सख्त निर्देश हैं, बावजूद इसके प्रसव के तीस मिनट बाद ही अस्पताल से प्रसूता एवं नवजात को घर वापस भेज दिया गया. घर में बच्चे की तबीयत बिगड़ने व रुक रुक कर रोने एवं सांस लेने में तकलीफ़ के बाद हमलोग बच्चे को लेकर अस्पताल आये, जहां बच्चे की मौत हो गयी. परिजनों ने यह भी कहा कि बच्चे की नाजुक स्थिति रहने के बावजूद तकरीबन एक घंटे तक ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक अंजना कुमारी एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी बच्चे के जांच के लिए आला ढूंढ़ते रहे और अंततः नवजात की मौत हो गयी. बाद में जांच कर मौत की पुष्टि कर दी गयी. इधर पीड़ित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन व दोषी स्वास्थ्य कर्मियों पर मामले में कठोर कार्रवाई को लेकर दूरभाष पर घटना की सूचना सिविल सर्जन को दी. वहीं ईमेल के माध्यम से भी घटना की सिविल सर्जन व जिलाधिकारी जमुई से लिखित शिकायत की गयी है.

कहती हैं चिकित्सक:

इसे लेकर पूछे जाने पर चिकित्सक डॉ अंजना कुमारी ने कहा कि इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं किया गया है, मरीज के परिजनों के द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.

कहते हैं सीएस:

इसे लेकर पूछे जाने पर सीएस डॉ कुमार महेंद्र प्रताप ने कहा कि मामला सज्ञान में आया है. इसकी जांच कर उचित कार्रवाई किया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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