एक साथ मां और बेटी की अर्थी देख लोगों का दहला दिल प्रतिनिधि, कुढ़नी करीब 10 वर्ष पहले मंजीत और रिंजु ने जाति बंधन की दीवार को तोड़कर प्रेम विवाह किया था. दोनों का घर एक-दूसरे के घर से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर था. अपनी मर्जी से शादी करने के बाद दोनों पति-पत्नी तारसन गांव स्थित नहर के तटबंध पर झोपड़ी का घर बनाकर जीवन यापन कर रहे थे. दोनों गरीबी के बावजूद सुखमय जीवन जी रहे थे. इसी दौरान उसे एक पुत्र और दो पुत्री हुआ. लेकिन इन बच्चों को जहर खिलाने वाली मां को यह समझ नहीं आया कि इन दोनों का कसूर क्या था ? घटना से बच्चों के जिंदगी रूपी फूल खिलने से पहले मुरझा गया. बच्चों को जहर खिलाने की जानकारी मिलने पर गांव के लोग भी हैरान थे. लोगों ने कहा कि बच्चों का क्या कसूर था, जिसे मां ने जहर खिला दिया. एक पुत्री की मौत हो गयी, जबकि एक पुत्र जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है. अब छह माह की नवजात पुत्री का क्या होगा. लोगों ने कहा कि आखिर किसी बात को लेकर पति-पत्नी में विवाद हुआ तो जहर खाने और खिलाने से विवाद खत्म नहीं हो सका. ग्रामीणों ने बताया कि गम और गुस्से में ऐसी घटना को अंजाम देने को समाज स्वीकार नहीं करता है. विवाद का समाधान हमेशा बातों से होना चाहिए. इधर, मां और बेटी की अर्थी एक साथ निकलने पर पूरा गांव रो पड़ा. मृतका के ससुर भरोसी महतो ने नम आंखों से दोनों काे मुखाग्नि दी. मौके पर उपमुखिया राहुल कुमार महतो, पंसस प्रतिनिधि भाई तेलन ने गहरा शोक दुख जताया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है