22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मखाना की खेती में नवीनतम तकनीक अपनाने की जरूरत

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पादप रोग व नेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष सह अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ एसके सिंह ने कहा कि मखाना की खेती कष्टकारी एवं श्रम साध्य है.

पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पादप रोग व नेमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष सह अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ एसके सिंह ने कहा कि मखाना की खेती कष्टकारी एवं श्रम साध्य है. इसकी खेती में किसानों को काफी समस्या उत्पन्न होती है. इसे दूर करने के करने के लिए बिहार के दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना शोध केंद्र की स्थापना की गयी. कहा कि इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य मखाना की खेती को वैज्ञानिक ढंग से किया जाना है. देश में होने वाली मखाना की खेती का 80 से 90 फीसदी उत्पादन बिहार में किया जाता है. उत्पादन का 70 फीसदी हिस्सा सिर्फ मिथिलांचल का है. डॉ सिंह ने कहा कि मखाना में प्रोटीन 9.7, कार्बोहाईड्रेट 76, नमी 12.8, वसा 0.1 खनिज लवण 0.5, फॉस्फोरस 0.9 प्रतिशत व लौह पदार्थ 1.4 मिली ग्राम पायी जाती है. यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. शोधकर्ताओं के मुताबिक मखाना के सेवन से हार्ट-अटैक जैसे गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. कैल्शियम की अधिकता के कारण जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है. इसको खाने से गठिया रोग व किडनी से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान व उसके बाद भी मखाने का सेवन रोजाना करने से लाभ होता है. मखाना अनुसंधान संस्थान दरभंगा के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिसे अपना कर अब खेतों में भी मखाना की खेती की जा सकती है. मखाना की मांग विदेशों में बढ़ रही है. जिसके कारण यह नकद बिकने वाला फसल बन गया है. उन्होंने कहा कि बिहार के दरभंगा और मधुबनी में मखाने की खेती सबसे ज्यादा होती है. लेकिन हाल के वर्षों से इसकी खेती बिहार के कटिहार एवं पूर्णिया में भी आधुनिक तकनीक आधारित होने लगी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें