बासुकिनाथ. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी तिथि सोमवार को फौजदारी बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. अहले सुबह मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धालुओं की कतार संस्कार मंडप से पार पहुंच गयी थी. निर्जला एकादशी व्रत का धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व है. एकादशी के दिन श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर बाबा का पूजा-अर्चना कर रहे हैं. साथ ही विष्णु भगवान की भी विशेष पूजा अर्चना की जा रही है. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंडितों के द्वारा षोडशोपचार विधि से मंदिर में पूजा-अर्चना की गयी. करीब 60 हजार शिवभक्तों ने भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. निर्जला एकादशी के व्रत-पूजन से भगवान विष्णु व शिव की कृपा प्राप्त होती है. ऐसे लोग जीवनभर सभी सुखों का भोगकर मरणोपरांत श्रीहरि के चरणों में स्थान पाते हैं. उतरवाहिणी गंगाजी से गंगाजल लाकर फौजदारी बाबा का विधिवत जलाभिषेक किया. मंदिर पूजारी ने भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा अर्चना व शृंगार पूजा किया. चार बजे भोर से मंदिर प्रांगण में भक्तों का तांता लगा रहा. सरकारी पूजा के दौरान पुरोहित के द्वारा षोडशोपचार पूजा के द्वारा बाबा की विशेष पूजा अर्चना की गई. श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवगंगा में आस्था की डूबकी लगाकर बाबा फौजदारीनाथ की पूजा अर्चना की. शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जप तथा दूध, दही, घी, गुढ़, भांग, ईख का रस, गंगाजल आदि से भोलेनाथ का अभिषेक किया. इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. सम्पूर्ण मंदिर परिसर हर हर महादेव के नारे से गुंजायमान रहा. भक्तों की कतार संस्कार मंडप होते हुए कांवरिया शेड तक पहुंच गयी थी. सुगमतापूर्वक जलार्पण के लिए मंदिर में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी थी. मंदिर कार्यालय से मंदिर प्रभारी सह सीओ आशुतोष ओझा एवं जरमुंडी एसडीपीओ दिनभर सीसीटीवी की मदद से मंदिर प्रांगण एवं उसके बाहर नजर बनाये रखे. मंदिर गर्भगृह गेट पर एसआइ सुशील कुमार अपने सहयोगी पदाधिकारी के साथ दिन भर लगे रहे. उमस भरी गरमी के बीच मंदिर प्रांगण में बने अस्थायी शेड के नीचे भक्तों ने राहत महसूस की. 1150 भक्तों ने शीघ्र दर्शनम किया, 3.45 लाख की हुई आमदनी निर्जला एकादशी पर भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन की और से शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था शुरू की गयी थी. मंदिर सहायक प्रबंधक सुभाष राव ने बताया कि 1150 श्रद्धालुओं ने मंदिर में शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का लाभ उठाया. इस व्यवस्था के तहत भक्तों ने मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन लेकर वीआइपी गेट से मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर सुलभ जलार्पण व्यवस्था का लाभ उठाया. इससे मंदिर न्यास पर्षद को 3,45,000 की आमदनी प्राप्त हुई.
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