रांची. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झामुमो छोड़ पार्टी में आयीं सीता सोरेन को दुमका से प्रत्याशी बनाया. सीता सोरेन चुनाव हार गयीं. सीता सोरेन ने अपनी हार के लिए भाजपा के बड़े नेताओं व विधायक को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने भाजपा की पूर्व मंत्री लुईस मरांडी व सारठ विधायक रणधीर सिंह पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है. वहीं, प्रदेश नेतृत्व को भी कोसा है. ‘प्रभात खबर’ के प्रमुख संवाददाता सतीश कुमार ने इनसे विशेष बातचीत की. सवाल : चुनाव में आपकी हार की क्या वजह रही? जवाब : देखिये, चुनाव में भाजपा के संगठन की जो मजबूती है, वह देखने को नहीं मिली. भाजपा के कार्यकर्ता मनमानी पर उतर आये थे. भाजपा की पाकुड़ विधानसभा की प्रभारी लुईस मरांडी और दुमका लोकसभा क्षेत्र के संयोजक रणधीर सिंह ने विश्वासघात किया. यही मेरी हार की मुख्य वजहों में से एक है. हालांकि, चुनाव में मुझे जमीनी कार्यकर्ता व जनता का पूरा समर्थन मिला. यही वजह है कि मेरी हार का अंतर कम रहा. सवाल : प्रदेश नेतृत्व का सहयोग कैसा रहा? जवाब : मुझे प्रदेश नेतृत्व का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया. प्रदेश के नेता केवल दिखावे के लिए मेरे साथ थे. मेरे साथ भितरघात हुआ है. इसकी जानकारी प्रदेश नेतृत्व को दी गयी थी, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं हुई. आज नतीजा सामने है. हार की समीक्षा कर कोरम पूरा किया जा रहा है. इसमें सही बातें सामने नहीं आ पायेंगी. मैंने खुद प्रदेश नेतृत्व को सारे बातों से अवगत कराया है. इस पर प्रदेश नेतृत्व को विचार कर इसकी समीक्षा करनी चाहिए. सवाल : क्या जामा विधानसभा से फिर से चुनाव लड़ेंगी? जवाब : इस बार विधानसभा का चुनाव मजबूती से लडूंगी. जामा विधानसभा एसटी के आरक्षित है. इसमें कुछ तकनीकी अड़चन आ रही है. इस वजह से मैं किसी सामान्य सीट से चुनाव लड़ूंगी. सवाल : जामा विधानसभा से किसे चुनाव लड़ाना चाहती हैं? जवाब : जामा विधानसभा में लगातार तीन बार विधायक रही. लगातार मुझे यहां की जनता का स्नेह मिलता रहा है. इस बार जामा से बेटी जयश्री को चुनाव लड़ाया जायेगा.
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