मुख्य संवाददाता, (रांची).
इस वर्ष दक्षिणी-पूर्व मॉनसून केरल में समय से एक दिन पहले ही आ गया था. केरल में मॉनसून आने का समय एक जून है. इसके 12 से 15 दिनों के बीच झारखंड में मॉनसून आने का पूर्वानुमान रहता है. इस बार का मॉनसून मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान से तीन दिन देरी से चल रहा है. फिलहाल, 20 मई तक तो झारखंड में मॉनसून के आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं. झारखंड में आमतौर पर बंगाल की खाड़ी के रास्ते मॉनसून आता है. एक मॉनसून की बारिश अरब सागर से भी होती है. अरब सागर आनेवाली मॉनसूनी हवा तेजी से ऊपर चढ़ रही है, जिससे महाराष्ट्र में समय से पहले मॉनसून आ गया है. दक्षिण-पूर्व मॉनसून ने शुरुआती दिनों में तो तेजी दिखायी थी. समय से पहले नार्थ-ईस्ट के सभी राज्यों को कवर कर लिया था. उसके बाद इसकी रफ्तार धीमी हो गयी है. इस कारण पश्चिम बंगाल, बिहार व झारखंड में भी मॉनसून की बारिश शुरू नहीं हुई है. पश्चिम बंगाल में झारखंड से भी पहले मॉनसून की बारिश होती है. मॉनसून की बारिश नहीं होने के कारण पलामू प्रमंडल के कई जिलों का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेसि के आसपास चल रहा है. सोमवार को पलामू, गढ़वा व रामगढ़ में गंभीर लू की स्थिति रही. चतरा, लोहरदगा, लातेहार, जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, गोड्डा, पाकुड़ व हजारीबाग जिले में भी लू चली. रांची का तापमान 40 डिग्री सेसि से कम था.आज भी पलामू में लू की चेतावनी :
मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि राज्य के उत्तर-पश्चिमी तथा निकटवर्ती उत्तरी हिस्से में 18 जून को भी लू चल सकती है. इसी दिन राज्य के कई हिस्सों में तेज गति से हवा व वज्रपात भी हो सकती है.गुमला-लोहरदगा में आंधी-बारिश व वज्रपात :
गुमला और लोहरदगा में सोमवार दोपहर बाद गरज-चमक के साथ बारिश हुई. तेज हवाएं भी चलीं. इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली. हालांकि, तेज हवा के कारण कई जगहों पर पेड़ों की डालियां टूट कर गिर गयीं. उधर, वज्रपात से गुमला के तेतरडीपा चिपरी गांव में एक मवेशी की मौत हो गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है