पटना. भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बयान जारी कर कहा कि बिहार में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं. यह चिंताजनक है. दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा अरुंधति राय एवं शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति देना, लोकतंत्र और मतभिन्नता को कुचलने का एक और उदाहरण है. उन्होंने कहा कि यही उपराज्यपाल मेधा पाटकर के खिलाफ फर्जी मानहानि के उस मुकदमे के भी पीछे हैं, जिसमें उन पर दोष सिद्ध हो गया है और सजा वक्त की बात भर है. माले ऐसे दमनकारी कानूनों के खात्मे तथा सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए संघर्ष जारी रखेगी. इस घटना के खिलाफ 20 जून को राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध का आह्वान केंद्रीय कमेटी ने किया है. माले लोकतंत्र पसंद सभी नागरिकों से दिल्ली के उपराज्यपाल के इस अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ मजबूती से उठ खड़े होने की अपील करती है. उन्होंने कहा कि लोकसभा का चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो, इवीएम पर उठ रहे सवाल खत्म नहीं हो जाते. भारत को कागज के मतपत्रों की ओर लौटना चाहिए और इवीएम को हमेशा के लिए खारिज कर देना चाहिए. नीट की परीक्षा में भारी घोटाला व धांधली लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
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