धनबाद.
सिंफर, डिगवाडीह के पूर्व वैज्ञानिक डॉ लक्ष्मी प्रसाद दीक्षित का निधन सोमवार को धनसार के आदर्श विहार स्थित उनके आवास पर हो गया. स्व दीक्षित के पुत्र लंदन में कार्यरत हैं. उनके आने पर अंतिम संस्कार 19 जून को मोहलबनी घाट पर किया जायेगा. मूलत: यूपी के बुंदेलखंड के मुस्करा गांव के रहने वाले डॉ दीक्षित लंबे समय से सनातन सत्संग से जुड़े हुए थे. इनके धनबाद, बोकारो, चंदनकियारी के अलावा बिहार में भी इनके बड़ी संख्या में अनुयायी है. स्व दीक्षित धनबाद के चासनाला व चंदनकियारी में गरीब व जरूरतमंद परिवार के बच्चों के लिए एक-एक स्कूल भी अपनी पत्नी स्व रुकमिनी दीक्षित के नाम से संचालित कर रहे थे. श्री दीक्षित के निधन की सूचना मिलते ही उनके जानने-पहचानने वालों व सत्संग प्रेमियों तथा उनके अनुयायी में शोक की लहर है. स्व दीक्षित अपने पीछे एक पुत्र आशुतोष दीक्षित व दो पुत्री प्रतिमा दीक्षित व स्मृति दीक्षित समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गये है. उनके निधन पर डॉ एपी ठाकुर, ओम अग्रवाल, एनके सिंह, डीके सिंह, अशोक पंकज, योग्रेंद्र यादव, रंजीत पंकज, अनुराग द्विवेदी, सीताराम शर्मा, पवन साव, फूल मिश्रा, मनीकांत, जीतेंद्र, एसएन ठाकुर व सुमन सिंह आदि जताया है.यह भी पढ़ें
नवजात को शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलना शर्मनाक : सांसद
धनबाद.
सांसद ढुलू महतो ने एक नवजात का शव ले जाने के लिए एसएनएमएमसीएच प्रबंधन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने को शर्मनाक बताया है. सोमवार को प्रभात खबर में छपी खबर ””एंबुलेंस नहीं मिली, तो नवजात का शव हाथों में लेकर चल पड़ा पिता”” को अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा है शर्मनाक. उन्होंने इसको लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. कहा : झारखंड में इंडिया गठबंधन सरकार के मंत्री, नेता तरह-तरह के दावा करते हैं. जबकि हकीकत यह है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में पूरे देश में सबसे खराब सेवा झारखंड की ही है. लिखा है कि रविवार को पूरी दुनिया फादर्स डे मना रही थी. ऐसे में यहां एक गरीब पिता को अपने बच्चे का शव गोद में उठा कर ले जाना कितना पीड़ादायक है. इसे संवेदनशील लोग ही समझ सकते हैं. लेकिन, यहां की सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है