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प्रखंड क्षेत्र में किसानों में पौधरोपण का जुनून चढ़ रहा परवान

लोगों में पर्यावरण के प्रति संजीदगी कहें या पौधरोपण के लिए सरकारी प्रोत्साहन या फिर फलों के बाजार की रौनक. इससे प्रभावित हो खेतिहर किसानों का रुझान पौधरोपण के प्रति बढ़ने लगा है

विद्यापतिनगर : लोगों में पर्यावरण के प्रति संजीदगी कहें या पौधरोपण के लिए सरकारी प्रोत्साहन या फिर फलों के बाजार की रौनक. इससे प्रभावित हो खेतिहर किसानों का रुझान पौधरोपण के प्रति बढ़ने लगा है. किसान अनाज की पैदावार करने के साथ फलों के उत्पादन के प्रति सक्रिय हुए हैं. किसानों के रुझान को देख मनरेगा व कृषि विभाग उन्हें लाभकारी सहयोग मुहैया करा रही है. इसमें फलदार पौधे एवं उपस्करों के लिए कीमती लकड़ियों के पौधे वन विभाग से किसानों को प्राप्त हो रहे हैं. इसके साथ खेतों में लगाये गये पौधे की देखभाल के लिए किसानों को खेतों की कांटेदार घेराबंदी व प्रतिमाह निर्धारित भुगतान नगदी के रूप में किया जा रहा है. अन्न की पैदावार के वनिस्पत फलदार पेड़ों की बागबानी का जुनून प्रखंड में परवान चढ़ने लगा है. इसके बाजार व खरीदार सुगमता से उपलब्ध हो जाया करते हैं. मनरेगा विभाग जहां बेसकीमती लकड़ियों के पौधे हर वर्ष लाखों की संख्या में उपलब्ध करा रहा है वहीं प्रखंड कृषि विभाग हर वर्ष हजारों फलदार पौधे के लिए किसानों को मुहैया कराने में जुटा है. प्रखंड के 62 हजार एकड़ की भूमि खेती योग्य है. कुछ वर्षों से मौसम की बेरुखी, खेत मजदूर का आभाव व जंगली जानवरों से फसलों के नुकसान से किसान के पैदावार करने की जगह फलों की खेती एवं बेसकीमती लकड़ियों के पौधे खेतों में लगाने लगे हैं. प्रखंड चौदह पंचायत में विभक्त हैं. अकेली हरपुर बोचहा पंचायत में विगत पांच वर्षों में मनरेगा से डेढ़ लाख पौधे लगाये गये हैं. वहीं इस पंचायत में 45 हजार फलदार पौधरोपण का कार्य सम्पन्न हुआ है. आगे पौधरोपण की प्रक्रिया जारी है. सैंकड़ों किसानों ने इसे अपने निजी जमीन में दर्शाया है. कतिपय यही आंकड़ा अन्य पंचायतों का है. कृषि विभाग के पौधारोपण के आंकड़े भी पर्यावरण प्रेमियों के चेहरे पर मुस्कान लौटा रहे हैं. प्रखंड कृषि विभाग हर वर्ष लगभग दस हजार फलदार पौधे किसानों को उपलब्ध कराने की बात कह रही है. इसमें आम, लीची, अमरूद, पपीता, सेब, केला के पेड़ व पौधे शामिल हैं.

आकर्षित कर रही सेब की खेती

ठंडे प्रदेशों में होने वाले सेब की खेती अब यहां गर्म वातावरण में भी किसानों को आकर्षित करने लगा है. इसके एक्का-दुक्का जमीन में लगे पौधे तो दिखाई पड़ते ही हैं. विस्तृत खेती का स्वरूप भी दिखने लगा है. प्रखंड के मनियारपुर गांव के किसान महावीर सिंह के पुत्र उदय सिंह ने दस कट्ठा जमीन में सेब की खेती की है. जहां सेब के पौधे वृक्ष का स्वरूप लेते ही अब फलने लगा है.

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