पायलट प्रोजेक्ट में मुशहरी, मीनापुर, साहेबगंज, औराई, कटरा, मुरौल और कांटी शामिल उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर पशुओं की चिकित्सा के लिये अब पशुपालकों के घर पर वेटनरी एंबुलेंस पहुंचेगी. चुनाव से पहले ही केंद्रीय पशुपालन निदेशालय ने इसकी स्वीकृति दी थी. चुनाव के बाद अब इसके लिये संसाधन जुटाये जा रहे हैं. जिले में भी फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सात प्रखंडों का चयन किया गया है जिसमें मुशहरी, मीनापुर, साहेबगंज, औराई, कटरा, मुरौल और कांटी शामिल है. यहां बीमार होने वाले पशुओं को डॉक्टर पशुपालक के घर जाकर इलाज करेंगे. इसके लिये एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है. एंबुलेंस में वेटनरी डॉक्टर के अलावा प्रशिक्षित स्टाफ और पशु चिकित्सा के लिये सारी दवाइयां उपलब्ध रहेंगी. पशुपालकों को अब पशुओं को लेकर वेटनरी अस्पताल या निजी पशु चिकित्सक के यहां जाने की जरूरत नहीं होगी. इससे पशुपालकों के रुपये बचेेंगे. पशुओं के इलाज की नयी व्यवस्था पूरे देश में एक साथ की जा रही है. ऐसा पहली बार किया जा रहा है. तीन महीने बाद मिलेगी सुविधा, टॉल फ्री नंबर होगा जारी पशपालकों को घर पर ही पशुओं के इलाज की सुविधा तीन महीने बाद से मिलनी शुरू हो जायेगी. पशुपालन विभाग इसके लिये टॉल फ्री नंबर जारी करेगा. इस सुविधा से बीमार पशुओं की चिकित्सा के साथ उसके गर्भाधान की सुविधा भी उपलब्ध होगी. पशुओं का टीकाकरण भी किया जा सकेगा. जिला पशुपालन अधिकारी डॉ कुमार कांता प्रसाद ने कहा कि निदेशालय के पत्र के बाद तैयारी शुरू हो गयी है. सात प्रखंडों के वेटनरी सेंटर पर एंबुलेंस रहेगा. सभी एंबुलेंस पर डॉक्टर और स्टाफ की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. टॉल फ्री नंबर से कॉल आने के साथ ही डाॅक्टर एंबुलेंस लेकर पशुपालकों के घर जायेंगे और पशुओं की चिकित्सा करेंगे. इससे पशुपालकों को काफी सुविधा होगी.
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