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कैंपस : बिहार में सुशासन और स्थानीय विकास के लिए आयोजित हुई परिचर्चा

चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की ओर से सामाजिक नीतियां और प्रबंधन विषय पर जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया.

जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर सीआइएमपी ने सामाजिक नीति एवं विकास के मुद्दे पर अपने विचार किये साझा

संवाददाता, पटना

चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की ओर से सामाजिक नीतियां और प्रबंधन विषय पर जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. कार्यक्रम के दूसरे दिन के पहले सत्र में ‘स्वास्थ्य, शिक्षा एवं वैश्विक स्तर समेत भारत में गरीबी उन्मूलन में नीतियों का महत्व’ विषय पर अलग-अलग संस्थानों से आये विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किये. ””मतदाता एवं चुनाव प्रक्रिया में जवाबदेही”” विषय पर जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चार्ल्स हांक्ला ने पेरू में किये अपने अध्ययन के जरिये जनप्रतिनिधियों द्वारा सार्वजनिक सेवाओं पर किये जाने वाले खर्च का जनप्रतिनिधि को वापस बुलाने या पुनः जनता द्वारा चुनने में बड़ी भूमिका बतायी. जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर अंजलि थॉमस ने सार्वजनिक सुविधाओं तक पहुंच को लेकर मुंबई के 153 झुग्गियों में किये अपने शोध अध्ययन को प्रस्तुत किया. उन्होंने समाज के सबसे वंचित लोगों के लिए पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध करवाने में सरकारी तंत्र और राजनैतिक नेतृत्व समायोजन के बेहतर परिणाम को दर्शाया. परिचर्चा के दौरान दोनों संस्थाओं के बीच बिहार सरकार के चीफ सेक्रेट्री ब्रजेश मेहरोत्रा की उपस्थिति में एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते के तहत साझा शोध कार्यक्रमों के अलावा विद्यार्थियों का एक संस्थान से दूसरे संस्थान में शैक्षणिक गतिविधियों को समझने में आसानी होगी. आइआइपीए के प्रो वीएन आलोक ने स्थानीय निकायों में जमीनी स्तर पर आ रही दिक्कतों में नीतियों का क्या योगदान है इस पर चर्चा करते हुये कहा कि पंचायतों और नगर निकायों को मजबूत करने के लिये उन्होंने केन्द्रीय वित्त आयोग के माध्यम से सीधे फंड उपलब्ध करवाने पर बल दिया. वहीं टेक्सास टेक यूनिवर्सिटी के डॉ सायन बनर्जी, ने अपनी प्रस्तुति में बिहार में महिला आरक्षण के महत्व और प्रभाव से लोगों को अवगत कराया. इस सत्र की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रदीप कुमार चौधरी ने की. मौके पर सीआइएमपी के डॉ एस सेनापति व डॉ डी सामंता, चंदन झा, सीइइडब्ल्यू, डॉ इंद्रजीत कुमार, आइइजी, नयी दिल्ली और पटना विश्वविद्यालय के प्रमीत कुमार विनीत व अन्य शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

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