गोपालगंज. असिस्टेंस प्रोफेसर तथा जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए मंगलवार को देश भर में यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) हुआ. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित इस परीक्षा के लिए जिले में भी दो परीक्षा केंद्र बनाये गये थे, जहां शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा हुई. थावे के डीएवी पब्लिक स्कूल तथा छवहीं के ज्ञानदा इंटरनेशनल स्कूल में दो पालियों में परीक्षा ली गयी. इसमें अभ्यर्थियों ने अलग- अलग विषयों की परीक्षा दी. पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे हुई, वहीं दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ली गयी. वहीं परीक्षा के दौरान कठिन सवालों को हल करने में परीक्षार्थियों को पसीने छूटते रहे. दोनों पालियों में निर्धारित समय से डेढ़ घंटे पहले परीक्षार्थियों की इंट्री शुरू हो गयी तथा आधा घंटा पहले इंट्री बंद कर दी गयी. इंट्री से पहले अभ्यर्थियों की विधिवत जांच की गयी. एडमिट कार्ड की तस्वीर का चेहरे तथा फोटो आइडी से मिलान किया गया. इसके बाद प्रवेश मिला. परीक्षा शुरू होने के बाद को-ऑर्डिनेटर तथा एजेंसी के ऑब्जर्वर ने सभी परीक्षा कक्षों का निरीक्षण किया. यूजीसी नेट की परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों के अनुभव अलग- अलग थे. किसी ने पेपर के सभी प्रश्नों को हाइ लेवल का बताया, तो किसी ने प्रश्नों को आसान बताया. डीएवी पब्लिक स्कूल से परीक्षा देकर निकली निशा, खुशबू, पूजा, नैंसी, दिनेश, सुजय आदि अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रश्न पत्र का पहला 100 अंक का खंड सामान्य अध्ययन होने के कारण सभी को आसान लगा. 200 अंक वाले खंड में संबंधित विषय से काफी डीप से प्रश्न आये थे, जिसे हल करने में कठिनाई हुई. फिर भी यथासंभव सभी प्रश्नों को हल करने का प्रयास किया. हालांकि स्कोर पासिंग मार्क्स से ऊपर का है. नेट की परीक्षा में जिले के दो केंद्रों पर आवंटित 1853 अभ्यर्थियों में से 1573 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी तथा 335 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दो छोड़ दी. डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर भरत प्रसाद ने बताया कि थावे के डीएवी पब्लिक स्कूल में दोनों शिफ्टों में 720-720 परीक्षार्थी आवंटित थे. पहले शिफ्ट में 604 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी तथा 116 अनुपस्थित रहे. वहीं दूसरी पाली में 573 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी तथा 147 ने परीक्षा छोड़ दी. उधर छवहीं के ज्ञानदा स्कूल में पहले शिफ्ट में आवंटित 246 अभ्यर्थियों में 193 ने परीक्षा दी तथा 53 अनुपस्थित रहे. वहीं दूसरी पाली में आवंटित 167 अभ्यर्थियों में 148 उपस्थित तथा 19 अनुपस्थित रहे. नेट की परीक्षा पास के करनेवाले अभ्यर्थियों को असिस्टेंस प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा. यूजीसी के दिशा-निर्देश के मुताबिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पद पर आवेदन के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड में नेट पास करना जरूरी है. नेट निकालने के बाद अभ्यर्थी संबंधित राज्यों के यूनिवर्सिटी में इंटरव्यू के आधार पर सहायक प्रोफेसर पद पर ज्वाइन कर सकते हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है