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Bhagalpur_News कोडिंग का मतलब, ई रिक्शा चालकों का रोजगार समाप्त

कोडिंग का मतलब रोजगार समाप्त

ई रिक्शा चालक संघ की एक बैठक का आयोजन अध्यक्ष कामरेड पवन फौजी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में कोडिंग के खिलाफ चल रहे आंदोलन की रणनीतियों पर विचार विमर्श किया गया. पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में कहा कि ई रिक्शा की कोडिंग का मतलब है. चालकों का रोजगार समाप्त. अध्यक्ष पवन फौजी और उपाध्यक्ष रंजीत पासवान ने कहा कि जब से कोडिंग लागू हुआ है तब से रिक्शा चालकों को घर चलाना मुश्किल हो गया है. बैठक के माध्यम से प्रशासन से अपील की गयी कि ई रिक्शा चालकों के हित में निर्णय लिया जाय. इस अवसर पर गुड्डू कुमार, मनोज शर्मा, शिवनंदन मंडल, अरूण मंडल समेत अन्य भी मौजूद थे.

तिलकामांझी में ट्रैफिक सिग्नल हुआ फेल, यात्रियों को हुई परेशानी

तिलकामांझी में ट्रैफिक सिग्नल मंगलवार को 11.30 से फेल हो गया. जिसके बाद चारो तरफ से यात्रियों की आवाजाही शुरू हो गयी. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. दोपहर 12.30 बजे के बाद सिग्नल को फिर से चालू किया गया. मालूम हो कि इन दिनों तिलकामांझी में रोजाना सिग्नल खराब होने की परेशानी सामने आती है. सोमवार को कुछ देर के लिए सिग्नल का काउंटडाउन ही खराब हो गया था. जिससे यात्रियों में भ्रम की स्थिति बनी.

प्रशिक्षण के आस में हैं जिले के 50 फीसदी शिक्षक

शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है कि प्रशिक्षण नहीं लेने वाले शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी नहीं होगी. इसके बाद शिक्षकों में प्रशिक्षण लेने को लेकर होड़ मच गयी है. शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी की अनुसार अब तक सिर्फ जिले के 50 प्रतिशत शिक्षकों ने ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया है, जबकि अभी 50 प्रतिशत शिक्षक प्रशिक्षण लेने की आस में हैं. जिला शिक्षा विभाग के सर्व शिक्षा अभियान द्वारा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर प्रशिक्षण नहीं लेने वाले शिक्षकों की सूची विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. ई-शिक्षा कोष के मुताबिक जिले में 15,269 के करीब शिक्षक हैं, जिसमें बीपीएससी के दोनों चरणों के शिक्षक शामिल हैं. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 9000 प्राथमिक शिक्षकों में अब तक 4500 प्राथमिक शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण लिया गया है, जबकि माध्यमिक शिक्षकों के प्रशिक्षण की बात करें, तो अब तक सिर्फ विज्ञान के शिक्षकों को ही प्रशिक्षण दिया गया है. 285 प्लस टू स्कूलों के प्रधानाध्यापक में 260 प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है, जबकि 25 अभी भी प्रशिक्षण लेने के इंतजार में हैं. सूची आने के बाद विभागीय निर्देश के अनुसार सभी शिक्षकों की प्रशिक्षण शुरू कराया जायेगा.

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