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अवैध नर्सिंग होम व जांच घर का हो रहा है संचालन

पहले भी तत्कालीन डीएम रवि प्रकाश के निर्देश पर अवैध नर्सिंग होम व जांच घरों का कराया गया था जांच

जिले में अवैध तरीके से चल रहे नर्सिंग होम व जांच घर फल फूल रहा है. जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के शिथिलता बरतने के कारण ऐसे अवैध तरीके से चलाये जा रहे हैं. नर्सिंग होम जांच घर पर नकेल नहीं कसा जा रहा. जिस कारण इस तरह के अवैध संचालन करने वालों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. हालांकि कुछ महीने पूर्व तत्कालीन जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश ने जिले में चल रहे सभी नर्सिंग होम और जांच घर, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे की जांच की गयी थी. लेकिन इस मामले में प्रशासनिक तौर पर मीडिया को दूर रखा गया. जिले के प्रखंडों के साथ शहर के भी कई नर्सिंग होम जांच घर की जांच हुई. पर मामले में शहर में चलने वाले नर्सिंग होम जांच घर पर क्या एक्शन हुआ. यह आज तक उजागर नहीं हो पाया. मामले में कोई कार्रवाई होती हुई नजर नहीं आयी. न कोई अवैध रूप से चलने वाले नर्सिंग होम और जांच घर शील हुए. हां प्रखंड क्षेत्र के कुछ अल्ट्रासाउंड और नर्सिंग होम अवैध मिलने पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील किया गया. पूरे जिले में जांच के क्रम में कितने नर्सिंग होम जांच घर अल्ट्रासाउंड एक्सरे पर कार्रवाई हुई. इसको लेकर प्रशासनिक तौर पर इसे उजागर नहीं किया गया. बता दें कि जिले में कई नर्सिंग होम बिना एमबीबीएस डॉक्टर के गैर निबंधित तरीके से नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है. पारा मेडिकल कर्मियों के द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा है. न केवल मरीजों का इलाज किया जाता है बल्कि उनका ऑपरेशन भी बिना अनुभवी डिग्री प्राप्त चिकित्सक के द्वारा किया जाता है. ऐसे में गलत इलाज के चलते कइयो की जान भी जा चुकी है. ऐसे फर्जी संस्थानों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश राज्य सरकार से समय-समय पर दिया जाता रहा है. पर संबंधित पदाधिकारी द्वारा इस मामले में समुचित कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिसके कारण आमलोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. ऐसे नर्सिंग होम के चंगुल में फंसकर मरीज अपनी गाढ़ी कमाई लुटाते भी है. उनका बेहतर इलाज भी नहीं हो पाता है.

घटना घटने के बाद ही खुलती है जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों की नींद

जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना हरकत के कारण इलाज के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है. यहां तक की बिना डिग्री प्राप्त और बिना लाइसेंस के ही बड़ी संख्या में नर्सिंग होम का संचालन हो रहा है. एसे नर्सिंग होम नियमों के अनुरूप नहीं है. नर्सिंग होम संचालन को लेकर जो मापदंड तैयार किया गया है. उस मापदंड पर कुछ नर्सिंग होम को छोड़कर ज्यादातर खरा नहीं उतर रहे है. जब किसी मरीज की जान जाती है तभी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आते हैं. नर्सिंग होम की जांच ना की जाती है. ऐसे नर्सिंग होम और जांच घर अल्ट्रासाउंड का संचालन करने वाले संचालन कर्ता पर जिला प्रशासन हो या स्वास्थ्य विभाग उनका एक जरा भय नहीं है. क्योंकि विभाग समय-समय पर इनकी जांच नहीं करते हैं और ना ही इस पर कोई सख्त कार्रवाई करते हैं. जिस कारण से सभी का मनोबल बढ़ा हुआ है.

कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि जिले में तत्कालीन जिला पदाधिकारी के द्वारा गठित टीम के द्वारा नर्सिंग होम, जांच घर, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की जांच की गयी थी. कई अवैध पाये जाने पर उन पर कार्रवाई भी की गयी. चुनाव को लेकर पूरी जांच नहीं हो पायी है. गठित टीम के द्वारा फिर से जिले के ऐसे नर्सिंग होम और सभी जांच घरों की जांच की जायेगी और सारे रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौंपे जायेंगे. सिविल सर्जन ने बताया कि संबंधित क्षेत्र के चिकित्सा पदाधिकारी और क्षेत्र के थाना के पदाधिकारी इस जांच प्रक्रिया में शामिल रहते हैं. सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की कि यदि आपके आसपास कोई ऐसे अवैध रूप से नर्सिंग होम, जांच घर का संचालन करता है तो इसकी सूचना दें. उनकी जांच की जायेगी और अवैध पाये जाने पर उन पर कार्रवाई जरूर होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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