गुमला.
पहले नक्सलियों का डर था. गांव में नक्सली रहने नहीं देते थे. डर से हमलोग कई दिनों तक छिप कर रह रहे थे. अब जब नक्सली खत्म हो गये, तो पुलिस बेवजह परेशान कर रही है और घर में आकर मारपीट भी कर रही है. इसके बाद थाना में ले जाकर दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जा रहा है. यह कहना कुरूमगढ़ थाना के सकरा गांव निवासी नरेंद्र सिंह का. अपनी जमीन पर अबुआ आवास बना रहे नरेंद्र सिंह व उसके घर के तीन सदस्यों को कुरूमगढ़ के थानेदार ने पिटाई कर दी, जिससे नरेंद्र सिंह का एक हाथ टूट गया है. जबकि नरेंद्र के बेटा भीष्म सिंह के कान में गंभीर चोट लगी है, जिससे उसे कम सुनायी पड़ रहा है. यहां तक की नरेंद्र के दामाद व नतिनी को भी थानेदार ने पीटा है. घटना के बाद नरेंद्र सिंह मंगलवार को गुमला कोर्ट जाकर वकील से कुरूमग्ढ़ थानेदार के खिलाफ एक शिकायत पत्र बनवाया है. इस दौरान प्रभात खबर से बात करते हुए नरेंद्र सिंह ने बताया कि उसका परिवार वर्ष 2012 से दहशत में जी रहा है. 2012 के समय भाकपा माओवादी के नक्सली सकरा इलाके में शासन करते थे. उस समय उसके ही पड़ोसी का एक सदस्य भाकपा माओवादी में था. उसकी जमीन को हड़पने के लिए माओवादी सदस्य व माओवादी के रिश्तेदार उसके परिवार को डराते धमकाते थे. यहां तक की माओवादी उसे मारने के लिए घर में घुस गये थे. उस समय वह किसी प्रकार अपने परिवार के साथ भाग कर जान बचायी थी. कई दिनों तक वह छिप कर रह रहा था. इधर, कुछ साल पहले माओवादी कम हुए, तो वह अपने परिवार के साथ चैन से रह रहा है. इस दौरान प्रशासन ने उसकी पत्नी के नाम से अबुआ आवास स्वीकृत किया है. वह घर बनाने के लिए नींव खोद रहा है. परंतु पुन: उसे कुछ लोग परेशान कर रहे हैं और थानेदार से बोल कर उसके परिवार की पिटाई करायी गयी है. उन्होंने इस मामले में गुमला एसपी से दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इधर, गुमला एसपी शंभू कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने चैनपुर एसडीपीओ अमिता लकड़ा को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है, जिससे कुरूमगढ़ थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. एसपी के निर्देश के बाद चैनपुर एसडीपीओ मंगलवार को सकरा गांव पहुंची. उस समय नरेंद्र सिंह अपने बेटे के साथ गुमला में था. एसडीपीओ के बुलावे पर नरेंद्र व उसका बेटा सकरा गांव पहुंचे. इधर, एसडीपीओ ने जांच में तेजी लाते हुए कई लोगों से पूछताछ की. साथ ही गांव में जहां नरेंद्र घर बनवा रहा है. उसकी भी जांच की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है