रानीश्वर. देश की आजादी के बाद प्रथम पंचवर्षीय योजना में मयूराक्षी नदी में मसानजोर में डैम बना था. डैम बनाये जाने से दुमका, मसलिया, शिकारीपाड़ा व जामा प्रखंड के 144 मौजा जलमग्न हो गये थे. इन 144 मौजा के अधिकांश विस्थापितों को रानीश्वर क्षेत्र में ही बसाया गया है. डैम बनने से विस्थापित हुए लोगों को सरकारी स्तर से जो जमीन का पट्टा उपलब्ध कराया गया है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि मयूराक्षी विस्थापितों की जमीन का किसी भी तरह का हस्तांतरण नहीं होगा. पर सरकारी पदाधिकारी व कर्मचारियों के मिली भगत से नियमों का धज्जियां उड़ाते हुए विस्थापितों की जमीन सिर्फ हस्तांतरण ही नहीं दूसरे के नाम निबंधन कराकर उसका म्यूटेशन कराकर लगान रसीद भी कटवा लिया गया है. यह प्रखंड के विभिन्न मौजा में किया गया है. प्रखंड क्षेत्र के दुमका-सिउड़ी पथ पर सादीपुर से लेकर पश्चिम बंगाल सीमा के महेषखाला तक मुख्य सड़क के किनारे जगह-जगह मयूराक्षी विस्थापितों की जमीन पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा जमा लिया है. इसके अलावा विभिन्न मौजा में लोगों ने गोचर जमीन पर भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. जिसे देखने वाला भी कोई नहीं है.
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