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पूर्णिया-कोसी प्रमंडल में बाल हितैषी ग्राम पंचायत शुरू

अपर मुख्य सचिव ने किया इसका शुभारंभ

बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने किया इसका शुभारंभ पूर्णिया. यूनिसेफ ने बिहार सरकार के सहयोग से पूर्णिया और कोसी प्रमंडल में बाल हितैषी ग्राम पंचायतों की शुरुआत की है. इसकी शुरूआत करत हुए पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि बाल कल्याण पर केंद्रित ग्राम पंचायत केवल पंचायती राज विभाग का कार्य नहीं है. यह एक अंतर-विभागीय कार्य है. इसमें सभी विभागों को निष्ठा के साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है. गौरतलब है कि यूनिसेफ के सहयोग से चाइल्ड फ्रेंडली ग्राम पंचायत को लेकर नयी पहल की जा रही है. इसके माध्यम से बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य समेत बाल अधिकारों को लेकर उन्हें जागरूक किया जायेगा. इसके लिये, स्थानीय प्रशासन व ग्राम पंचायतों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी व महिलाओं के हितों पर खास ध्यान केंद्रित किया जायेगा. इस कार्यक्रम में बच्चों और पंचायत प्रतिनिधियों ने बाल हितैषी ग्राम पंचायतों के अपने अनुभव साझा किये. इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के अधिकारी, यूनिसेफ स्टाफ, पंचायत प्रतिनिधि, समाजिक प्रतिनिधियों, विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ता उपस्थित रहे.

पूर्णिया और अररिया के 10 ग्राम पंचायतों में बाल हितैषी

इसके तहत पूर्णिया और अररिया के 10 ग्राम पंचायतों में बाल हितैषी ग्राम पंचायत का पायलट परीक्षण किया गया. पायलट परीक्षण से प्राप्त अनुभवों को बिहार के सभी ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा. इसकी शुरूआत कोसी और पूर्णिया प्रमंडल के सभी पंचायतों से की जाएगी और इन दोनों प्रमंडल के ग्राम पंचायतों को बाल हितैषी बनाया जायेगा. श्री सिंह ने इस पहल को पायलट करने और दिशा निर्देशों एवं अन्य सामग्रियों को विकसित करने के लिए यूनिसेफ का धन्यवाद भी किया. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सिंह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. उद्घाटन सत्र के पैनल में यूनिसेफ बिहार फील्ड ऑफिस की प्रमुख, मार्गरेट ग्वाडा, नीलम चौधरी, पूर्णिया आयुक्त संजय दुबे, ज़िलाधिकारी, अररिया इनायत खान, ज़िलाधिकारी पूर्णिया कुंदन कुमार, यूनिसेफ के वरिष्ठ सलाहकार, आरके महाजन और यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पांडेय शामिल हुए.

बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जायेगा : मार्गरेट ग्वाडा

यूनिसेफ बिहार प्रमुख मार्गरेट ग्वाडा ने बताया कि बाल हितैषी ग्राम पंचायत न केवल वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों और भारत सरकार की स्थानीयकरण पहलों से उत्पन्न एक आदेश है, बल्कि बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने का एक तरीका भी है, जो राष्ट्र के भविष्य हैं. उन्होंने कहा, “हमारे कार्य बाल हितैषी ग्राम पंचायत बनाने के प्रयासों के माध्यम से समुदाय में सामाजिक जागरूकता और बच्चों की भलाई पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर है.

भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के बीच समझौता

2021 में, भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने पंचायती राज संस्थानों में एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए विशेषज्ञ समूह की एक रिपोर्ट जारी की. नौ विषयों की पहचान की गयी. इनमें से तीन विषय बाल हितैषी ग्राम पंचायतों पर केंद्रित थे. इस संदर्भ में, भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के निर्देशानुसार, बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने यूनिसेफ बिहार के सहयोग से पूर्णिया और अररिया के 10 ग्राम पंचायतों में बाल हितैषी ग्राम पंचायत की पहल के उद्देश्य से पायलट परीक्षण किया. पायलट परीक्षण से प्राप्त अनुभवों को सभी ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा.

फोटो- 19 पूर्णिया 2- बाल हितैषी ग्राम पंचायत का शुभारंभ करते पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव, साथ में आयुक्त एवं पूर्णिया-अररिया के डीएम

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