रोहणी नक्षत्र में की गयी खेती काफी लाभदायक
कृषि कार्य के लिए रोहिणी नक्षत्र काफी उपयुक्त माना गया है. इस नक्षत्र में धान का बिचड़ा बोने पर फसल का उत्पादन काफी अच्छा होता है. लेकिन जलस्तर में गिरावट आने के बाद खेतों में दरार पड़ गयी है. खेतों में हल चलना भी मुश्किल है. धान का बिचड़ा बोने के लिए खेत तैयार नहीं हो पा रहा है. पिछले एक पखवाड़े से बारिश नहीं हुई है. भू-जलस्तर काफी नीचे चला गया है. पानी के अभाव में खेतों मे लगा मूंग, सब्जी सहित अन्य फसल सूखने के कगार पर है. किसानों को सूखाड़ होने की चिंता सता रही है. किसान कन्हैया झा, संजय मिश्र, प्रभात सिंह, वरूण झा, बब्बन सिंह, बबलू रजक, हरिनंदन मंडल, शेखपुरा गांव के किसान सुधीर यादव, रविंद्र यादव, महथावा के किसान पांडव यादव, शेखर यादव, उज्ज्वल यादव, जयनगर के किसान सुनील सिंह, रणधीर सिंह, कौशल सिंह भदोरिया, रमण सिंह, सुमन सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष भी किसान सुखाड़ की मार झेल चुके हैं. किसानों को लागत के अनुपात में फसल का उत्पादन नहीं हो सका. महाजन से कर्ज लेकर फसल का उत्पादन भी किया. लेकिन किसान कर्ज से दब गये हैं. वहीं सरकार भी केवल किसानों के साथ छलावा कर ठगने का काम कर रही है. किसानों के हित में सही तरीके से कोई योजना संचालित नहीं किया जा रहा है. यदि सरकार की योजना आती भी है तो खेती करने वाले किसान को जानकारी भी नही मिलती है. जबकि पंपसेट से पटवन करना काफी महंगा पडता है.
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प्रतिनिधि, भरगामाप्रखंड के भरगामा-सैफ
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