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सदर अस्पताल में सिजेरियन प्रसव के बाद बिना सहमति के लगाया कॉपर टी, जांच का आदेश

प्रसूता के परिजनों ने कॉपर टी लगाने का विरोध करते हुए सीएस से की लिखित शिकायत

प्रसूता के परिजनों ने कॉपर टी लगाने का विरोध करते हुए सीएस से की लिखित शिकायत. प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर सदर अस्पताल के सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (एमसीएच) ओटी में 16 से 18 जून के बीच सिजेरियन प्रसव के बाद बिना परिजनों व प्रसूता की सहमति के ही परिवार नियोजन के अस्थायी उपाय कॉपर-टी लगाये जाने को लेकर बुधवार को पूरे दिन अस्पताल में हंगामे की स्थिति बनी रही. प्रसूताओं को बिना सहमति के कॉपर टी लगाये जाने पर जहां परिजनों ने विरोध करते हुए सीएस से लिखित शिकायत की है. वहीं परिजनों ने वार्ड के कर्मियों पर दवा व ओटी से एमसीएच वार्ड में ले जाने के नाम पर पैसे लिये जाने का भी आरोप लगाया है. वहीं मामला सामने आने के बाद सीएस ने अस्पताल उपाधीक्षक को जांच का आदेश दिया है.

तीन प्रसूताओं ने कहा, लगा दिया बिना सहमति के कॉपर टी

सदर अस्पताल के एमसीएच ओटी में 16 से 18 जून के बीच तीन गर्भवतियों का सिजेरियन द्वारा प्रसव कराया गया. इसमें तीनों ही प्रसूताओं ने बालक को जन्म दिया. इस बीच बुधवार को जब परिजनों को वार्ड में बुलाकर कर्मियों द्वारा फॉर्म पर हस्ताक्षर करने को कहा, तो मामला सामने आया कि तीनों प्रसूताओं को बिना परिजनों व प्रसूता की सहमति के ही कॉपर टी लगा दिया गया है. इसके बाद तीनों प्रसूताओं के परिजनों ने विरोध करना शुरू कर दिया. बताया गया कि प्रसूता मकससपुर काली स्थान निवासी रितेश रौशन की पत्नी चंदा भारती, बासुदेवपुर निवासी रविशंकर सिन्हा की पत्नी स्तुति कुमारी तथा कंचनगढ़ बांक निवासी शिवम कुमार यादव की पत्नी साक्षी कुमारी के परिजनों द्वारा इसे लेकर आवेदन दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि तीनों ही प्रसूताओं को अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मियों द्वारा बिना सहमति के ही सिजेरियन प्रसव के बाद कॉपर टी लगा दिया गया.

नाजायज पैसे लिये जाने का भी लगाया आरोप

प्रसव केंद्र में भर्ती तीनों प्रसूताओं के परिजनों ने बिना सहमति के कॉपर टी लगाये जाने के साथ बाहर से लगभग 1500 रुपये की दवा मंगाने तथा ओटी से वार्ड में लाने के नाम पर पैसे लिये जाने का भी आरोप लगाया. इसमें प्रसूताओं के परिजनों ने बताया कि वार्ड में कर्मियों द्वारा सिजेरियन प्रसव वाली सभी प्रसूताओं से प्रसव के बाद लगभग 1500 रुपये की दवा बाहर से मंगाने की बात कही. साथ ही बताया कि प्रसव के बाद ओटी से एमसीएच वार्ड लाने के लिये भर्ती कर्मियों द्वारा 500 तथा बच्चे को देने के लिये खुशखबरी के नाम पर 800 रुपये लिये जाने का आरोप लगाया. परिजनों ने बताया कि पैसे देने से मना करने पर कर्मी मरीज को हाथ तक नहीं लगाते हैं.

कहते हैं सीएस

सीएस डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि कॉपर टी दो बच्चों के बीच तीन साल के अंतर रखने में मदद करता है. इससे कोई परेशानी है. इसे प्रसूता या परिजन जब चाहे निकाल सकते हैं. हालांकि, इसके लिये परिजनों की सहमति व काउंसेलिंग जरूरी है. मामले को लेकर आवेदन प्राप्त हुआ है. अस्पताल उपाधीक्षक को मामले की जांच का निर्देश दिया गया है.

अल्ट्रासाउंड कराने भटकती रही तीन माह पूर्व कॉपर टी लगायी महिला

मुंगेर. सदर अस्पताल में चिकित्सक व कर्मियों की कॉपर टी लगाने को लेकर लापरवाही एक महिला के लिये मुसीबत बन गयी है. बुधवार को सदर अस्पताल के एमसीएच ओटी में ही तीन माह पूर्व कॉपर टी लगायी गयी एक महिला दर्द से परेशान अपने अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर भटकती रही. चुरंबा निवासी मो. सरफराज की पत्नी यासमीन ने बताया कि तीन माह पूर्व उसका दूसरा बच्चा खराब हो गया था. इसे लेकर वह अस्पताल आयी थी. जहां धुलाई के दौरान चिकित्सकों द्वारा कॉपर टी लगा दिया गया. उसने इसे लेकर मना भी किया, लेकिन इसके बावजूद उसे कॉपर टी लगा दिया गया. अब 15 दिन तक दर्द के कारण वह सदर अस्पताल आयी. जहां उसने कॉपर टी निकालने को कहा. एक कर्मी द्वारा 100 रुपये लेकर कॉपर टी निकालने की बात कही गयी, लेकिन इसके बावजूद जब दर्द कम नहीं हुआ तो वह एक निजी चिकित्सक के पास गयी. जहां बताया गया उसके यूट्रस में कॉपर टी फंस गया है. इसके बाद वह वापस अस्पताल पहुंची. जहां चिकित्सक द्वारा तत्काल अल्ट्रासाउंड कराने को कहा गया, लेकिन जांच केंद्र पर 25 जून को जांच करने की बात कही गयी. हालांकि बाद में कुछ पत्रकारों के हस्तक्षेप पर महिला का अल्ट्रासाउंड जांच की गयी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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