-लक्ष्य विहीन व सोच विहीन पढ़ाई करने को मजबूर हैं युवा समुदाय कटोरिया. आनंदपुर थाना क्षेत्र के कड़वामारण गांव स्थित ज्ञान भवन परिसर में दलित विकास अभियान समिति एवं दलित मुक्ति मिशन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को प्रखंड स्तरीय बिहार आंबेडकर यूथ फोरम का गठन हुआ. इस क्रम में एक दिवसीय कार्यशाला का भी आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता संस्था प्रमुख महेंद्र कुमार रौशन ने की. श्री रौशन ने अपने संबोधन में कहा कि दलित-आदिवासी युवा लक्ष्य विहीन व सोच विहीन पढ़ाई कर रहे हैं. अगर उनसे पूछा जाय कि पढ़ाई क्यों जरूरी है, तो बताते हैं कि नौकरी के लिए. लेकिन उन्हें ये पता नहीं है, कि कौन सी नौकरी के लिए कौन सी विषय पढ़ना आवश्यक है. उसके लिए क्या-क्या तैयारी करनी है. साथ ही किसी न किसी रूप से अगर नौकरी हो भी जाय, तो लोगों का प्रेरणास्रोत कैसे हो सकते हैं, ऐसी सोच नहीं के बराबर है. इस वजह से दलित-आदिवासी समुदाय में कुछ लोगों को सरकारी नौकरी होने के बावजूद अपने समुदाय में कुछ बदलाव की बजाय अपने व्यक्तिगत विकास के सोच में सिमट जाते हैं. कार्यशाला में युवाओं की क्या-क्या चुनौतियां है ? उन्हें किस प्रकार के मदद करने से आगे बढ़ सकते हैं ? आदि सवाल पूछे जाने पर युवाओं ने बताया कि एक सामुहिक अध्ययन केंद्र की व्यवस्था की जाय, जहां प्रतियोगिता से संबंधित सभी प्रकार के पुस्तक उपलब्ध हो, वाई-फाई कि व्यवस्था हो और एक गाईडर की व्यवस्था की जाय. दूसरा की बहुत सारी युवा पुलिस में जाना चाहते हैं, उन सभी युवाओं के लिए फिजिकल ट्रेनिंग की व्यवस्था हो, तो उसका लाभ मिल सकता है. कुछ युवकों ने प्रस्ताव दिया कि कौशल विकास प्रशिक्षण के साथ-साथ कुछ पूंजी की व्यवस्था हो, तो स्वरोजगार में बढ़ावा मिलेगा. इस अवसर बिहार अम्बेडकर यूथ फोरम के नव निर्वाचित अध्यक्ष रामू तांती एवं सचिव देवराज कुमार ने बताया कि युवाओं की बहुत सारी समस्याएं हैं. इसके लिए संकल्पित होकर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा. कार्यशाला में महिला नेत्री सुनीता देवी, रूबी देवी, सेवा दल के सदस्य अनिल कुमार आदि अन्य युवाओं ने अपनी अपनी बातें रखी. कार्यशाला में झाझा एवं चांदन प्रखंड के विभिन्न गांव-टोले से 75 युवाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया.
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