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बैंकों में सुरक्षा नियमों का नहीं हो रहा पालन

जिले में बैंकों में सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. बैंकों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है.

आरा.

जिले में बैंकों में सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. बैंकों की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है. इससे बैंक के ग्राहकों में जहां भय का वातावरण बना रहता है. वहीं कर्मचारी भी भयभीत रहते हैं. जबकि बैंकों की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है. बैंकों की सभी शाखाओं में प्रतिदिन करोड़ों का लेनदेन होता है. काफी संख्या में ग्राहक बैंकों में राशि जमा करने जाते हैं. वहीं बैंकों से अपनी राशि निकालने भी जाते हैं. पर उनकी सुरक्षा के कोई प्रबंध नहीं किये गये हैं. कई बार लुटेरों द्वारा ग्राहकों को भी बैंक के पास ही लूट लिया जाता है. जिले में अभी तक छह माह में बैंक लूट की पांच घटनाएं घट चुकी हैं.

कई बैंकों में नहीं हैं सीसीटीवी कैमरे :

कई बैंकों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाये गये हैं. हालांकि सरकारी बैंकों की लगभग सभी शाखाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. ताकि बैंकों की पारदर्शिता एवं हर गतिविधि की जानकारी मिल सके. पर कई बैंकों में खानापूर्ति के लिए सीसीटीवी चालू तो रहती है. वहीं कहीं बैंकों में सीसीटीवी चालू भी नहीं रहती है.

बैंक कर्मियों के द्वारा भी की जाती है चूक :

बैंक कर्मियों द्वारा भी कई बार लापरवाही बरती जाती है. सुरक्षा की परवाह नहीं की जाती है. कई लोगों को अपने पास बैठाकर बात करते हैं. इससे भी घटनाएं घटने की संभावना बनी रहती है. सावधानी की कमी कई बार देखी जा सकती है.

विगत छह माह में एक बैंक और चार सीएसपी में हो चुकी है लूट की घटना :

विगत छह माह में जिले में जिले में एक बैंक की शाखा एवं दो सीएसपी में अपराधियों द्वारा घटना को अंजाम दिया जा चुका है. इनमें छह दिसंबर 23 को आरा के कतीरा स्थित एक्सिस बैंक में सुबह के 10:15 में ही अपराधियों ने बैंक में घुसकर साढ़े 16 लाख रुपये लूट लिये थे. अभी तक इस पर किसी तरह की कारगर कार्रवाई नहीं की गयी है. अभी तक सही ढंग से इसका उद्वेदन नहीं हो सका है. वहीं 21 फरवरी 2024 को 11:30 बजे दिन में इमादपुर थाना क्षेत्र के बिहटा गांव में स्थित मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के सीएसपी से लुटेरों ने 46,500 रुपये लूट लिये थे. जबकि 22 फरवरी 23 को पीरो थाना क्षेत्र के ओझवलिया मोड़ के समीप स्थित पीएनबी सीएसपी के संचालक से अपराधियों ने हथियार के बल पर एक लाख 20 हजार की लूट लिये थे. घटना सुबह नौ बजे की है. अभी तक बैंक लूट की घटना पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं की गयी है और ना ही इसका उद्वेदन किया गया है. केवल खाना पूर्ति है की गयी है. राशि भी नहीं पकड़ी गयी है. जबकि एक सप्ताह पहले आरा के चंदवा मोड़ एवं बड़कागांव के बीच में सीएसपी में लूट की घटना हो चुकी है. तीन से चार लूटरों ने दो लाख से अधिक की राशि काफी सहजता से लूट ली. सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गये थे.अभी तक पुलिस द्वारा एक भी बैंक लूट की घटना का नहीं किया गया है पर्दाफाश : पुलिस की लापरवाही का आलम यह है कि अभी तक एक भी बैंक लूट की घटना का पर्दाफाश नहीं किया गया है. जबकि शहर के बीचो-बीच स्थापित एक्सिस बैंक में सुबह 10:15 में 4 से पांच लुटेरों ने बैंक लूट की घटना को अंजाम दिया था. पुलिस की अभी तक की कार्यशैली से ऐसा नहीं लगता है कि इन बैंक लूट की घटनाओं को लेकर पुलिस गंभीर है.

ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा में लगाये गये हैं होमगार्ड के सिपाही :

ग्रामीण क्षेत्र के कई बैंकों में सुरक्षा के कार्य में होमगार्ड के सिपाहियों को लगाया गया है. इन सिपाहियों के भरोसे बैंक की सुरक्षा का काम चल रहा है. हालांकि शारीरिक रूप से उनकी स्थिति ऐसी है कि शस्त्र लेकर चलने में भी परेशानी होती है. ऐसे में इन सिपाहियों के द्वारा किस तरह बैंकों की सुरक्षा होगी. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

शहरों में बैंक की शाखाओं में की जाती है खानापूर्ति :

शहरी क्षेत्र में बैंक की शाखाओं में सुरक्षा की खानापूर्ति की जाती है. कोई सुरक्षा गार्ड नहीं रहते हैं. शाखाओं में सुरक्षा के लिए पदस्थापित सिपाही या फिर दारोगा स्तर के अधिकारी शाखाओं में पहुंचकर रजिस्टर पर हाजिरी बनाते हैं एवं चले जाते हैं. ऐसे में बैंकों में सुरक्षा कैसे हो पायेगी. यह अहम प्रश्न बना हुआ है. आये दिन बैंकों में होने वाली लूट को देखते हुए आधुनिक शस्त्रों से लैस गार्ड नहीं रखे जाते हैं. गृह रक्षक दल के सिपाही से बैंकों की सुरक्षा का जिम्मा कारगर नहीं हो सकता है.

कई छोटे बैंकों में नहीं लगाया गया है सीसीटीवी व न ही गार्ड :

कई छोटे बैंक है, जिन्हें बैंकिंग का दर्जा मिल चुका है. उन बैंकों में सीसीटीवी भी नहीं है. सुरक्षा गार्ड भी नहीं रखे जाते हैं. इनमें जन एसएफबी, उज्ज्वल एसएफबी उत्कर्ष डीसीबी एवं कई ग्रामीण बैंकों की शाखाएं शामिल हैं.

होनी चाहिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था :

एटीएम बूथ की सुरक्षा त्रिस्तरीय होनी चाहिए. पहले तो बूथ ऐसा हों, जिसके अंदर उपभोक्ता ही जाये, तीसरी आंख से लैस बूथ में गार्ड भी मशीन तक न जा सके. दूसरे बूथ में तेजतर्रार गार्ड लगे न कि किसी को भी खड़ा कर दिया जाये. तीसरा बूथ ऐसी जगह लगे, जहां पर पुलिस का सख्त पहरा हो. वहीं कैश रूम में हर समय सुरक्षाकर्मी रहना चाहिए. बैंकों में लॉकर एवं कैश रूम मजबूत होनी चाहिए.

जिले में हैं कुल 242 बैंक शाखाएं :

जिले में सभी बैंकों को मिलाकर 242 बैंक शाखाएं हैं. इनमें ग्रामीण क्षेत्र, अर्ध शहरी क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र की शाखाएं शामिल हैं. इन बैंकों की शहरी क्षेत्र में कुल 52 शाखाएं, अर्ध शहरी क्षेत्र में कल 62 शाखाएं तथा ग्रामीण क्षेत्र में कुल 128 शाखाएं शामिल हैं.

कुल 205 एटीएम हैं कार्यरत :

जिले में कुल 205 एटीएम कार्यरत हैं. इनमें शहरी क्षेत्र में कुल 103, अर्ध शहरी क्षेत्र में कुल 68 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 34 एटीएम शामिल हैं.

कुल बीसी की संख्या है 1029 :

जिले में बैंकों की कुल बीसी संख्या 1029 है. यहां ग्राहकों से लेनदेन किया जाता है. इससे ग्राहकों को सुविधा होती है.

इन बैंकों की शाखाएं हैं कार्यरत :

बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सभी पब्लिक सेक्टर बैंक, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, इंडसइंड बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइडीबीआइ बैंक, सभी प्राइवेट बैंक व जन एसएफबी, उज्ज्वल एसएफबी, उत्कर्ष एसएफबी, सभी एसएफबी दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक एवं डीसीबी.

क्या कहते हैं जिला अग्रणी प्रबंधक

लगभग सभी बैंकों में सीसीटीवी कार्यरत है. इसके बावजूद इसकी जांच की जायेगी. यदि किसी बैंक की शाखा में सीसीटीवी नहीं लगा है, तो सीसीटीवी लगाने को कहा जायेगा. सुरक्षा के लिए बैंक पुलिस प्रशासन पर निर्भर है. सुरक्षा के मानकों को पालन करने का हर संभव प्रयास किया जाता है. ताकि ना तो बैंक को परेशानी हो और ना ही ग्राहकों को परेशानी हो.राजेश कुमार चौधरी, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक

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