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जवान के पार्थिव शरीर की अंतिम झलक पाने को उमड़ा जनसैलाब

कोईलवर के सुरौधा कॉलोनी निवासी सीआइएसएफ जवान मो सगीर आलम का पार्थिव शरीर उनकी मौत के 46 घंटे बाद उनके पैतृक निवास पहुंचा.

कोइलवर.

कोईलवर के सुरौधा कॉलोनी निवासी सीआइएसएफ जवान मो सगीर आलम का पार्थिव शरीर उनकी मौत के 46 घंटे बाद उनके पैतृक निवास पहुंचा. सुबह साढ़े नौ बजे जैसे ही सीआइएसएफ के अधिकारी व जवान एम्बुलेंस से शव लेकर सुरौधा कॉलोनी पहुंचे हाहाकार मच गया. लोग अपने लाल की एक झलक पाने को बेताब हो उठे. उनके दरवाजे पर सुबह से इंतजार कर रही भीड़ उनकी एक झलक पाने को बेकाबू हो उठी. साथ आये अधिकारी व जवानों ने ताबूत के रखे शव को उनके अहाते में रखा जहां पहले से मौजूद परिजनों व चाहने वालों ने उनका अंतिम दर्शन किया. इस दौरान बल के अधिकारियों व जवानों ने मौके पर मौजूद स्थानीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ उन्हें पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. सांसद सुदामा प्रसाद, संदेश के पूर्व विधायक अरुण यादव, आरा के पूर्व विधायक अनवर आलम, कोईलवर नगर के मुख्य पार्षद सरताज़ आलम, राजद के प्रदेश महासचिव मनोज सिंह, राजद पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव सीपी चक्रवर्ती व जिलाध्यक्ष मुराद हुसैन, थानाध्यक्ष नरोतमचंद्र के साथ साथ अन्य लोगों ने उन्हें पुष्पचक्र अर्पित किया. मृत जवान की पत्नी और उनके दो छोटे बच्चों ने जैसे ही जवान को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सलामी दी सबका कलेजा मुंह को आ गया. बच्चों की चीत्कार सुन सबका कलेजा फट रहा था. आम लोगों के दर्शन के बाद बुधवार की दोपहर में कोईलवर स्थित कब्रिस्तान में जनाजे की नमाज के बाद मुस्लिम रीति रिवाज के साथ उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया. इस दौरान पूरा कोईलवर उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ पड़ा. बता दें कि कोईलवर थाना क्षेत्र के नगर पंचायत कोईलवर के सुरौधा कालोनी निवासी सीआईएसएफ जवान कि सोमवार को दिल्ली में ड्यूटी जाने के दौरान रास्ते मे बेहोश होकर गिरने से मौत हो गयी. मृतक जवान कोईलवर के सुरौधा कॉलोनी निवासी मंजूर अंसारी के 37 वर्षीय पुत्र मो सगीर अहमद थे. वे दिल्ली एयरपोर्ट पर सीआइएसएफ की के-2 कंपनी में पदस्थापित थे. कॉन्स्टेबल मो सगीर अहमद दिल्ली के बिजवासन में अपनी पत्नी शबाना बानो और छोटी पुत्री शहरीन (सात वर्ष) और अनम (5 वर्ष) के साथ रहते थे. सोमवार को बिजवासन स्थित अपने क्वार्टर से दोपहर 11 बजे के करीब बी शिफ्ट में ड्यूटी के लिए जा रहे थे. बिजवासन कैंप से चार सौ मीटर दूर सुबह लगभग साढ़े ग्यारह बजे के करीब अचानक बेहोश होकर गिर गये. बेहोश होकर गिरे सगीर पर ड्यूटी जा रहे के-2 कंपनी के ही एक जवान याद राम की नजर पड़ी जिसके बाद उन्होंने बिजवासन कैम्प में तैनात कर्मियों को इसकी सूचना भेजवाया. आनन- फानन में सीआइएसफ कर्मी एम्बुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे और उन्हें पार्क अस्पताल गुरुग्राम ले गये. जहां जांच के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताते चलें कि मो सगीर आलम अपने छह भाइयों में चौथे स्थान पर थे और 2011 में सीआइएसएफ में बहाल हुए थे.

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