इटखोरी. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल जल अधर में लटका हुआ है. प्रखंड में संपूर्ण पाइप लाइन योजना का काम 20 दिन से बंद है. कार्य स्थलों पर न तो मजदूर हैं और न ही साइट इंचार्ज हैं. किन कारणों से काम बंद है, यह बताने वाला कोई नहीं है. जुलाई माह तक सभी घरों में नल के माध्यम से पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. लेकिन जिस गति से काम किया जा रहा है, उससे इसके इस साल पूर्ण होने की उम्मीद कम है. अभी तक मात्र 60 प्रतिशत काम हुआ है. मालूम हो कि पाइप लाइन के माध्यम से सभी घरों तक पीने का पानी पहुंचाया जाना है. इटखोरी में यह कार्य 142 करोड़ रुपये के लागत से किया जा रहा है. इसके संवेदक अमरेश गुप्ता हैं.
एनओसी मिलते ही काम शुरू होगा: एई : पीएचइडी के सहायक अभियंता रवींद्र कुमार ने कहा कि कुछ जगह पर वन विभाग व रैयतों के कारण पाइप लाइन का काम ठप है. जिससे काम में विलंब हो रहा है. वन विभाग से एनओसी मिलते ही काम शुरू कर दिया जायेगा.एक किमी दूर से पानी लाने को विवश हैं लोग
सिमरिया. इचाक पंचायत के चार गांवों के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, जिसमे लूतीसार, शिला भुईयां टोली, बोंगादाग़ व गिद्दीटांड़ शामिल हैं. इन गांवों में ज्यादातर तालाब, पोखर, कुआं, चापानल आदि जलस्रोत सूख गये हैं, जिससे गांव वालों को पानी के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. उक्त गांवों के लोग एक किमी दूर से पानी लाने को विवश हैं. पानी के अभाव में रोजमर्रा काम करने में परेशानी हो रही हैं. ग्रामीण अर्जुन मुंडा, जोगी मुंडा, अरविंद मुंडा, महेंद्र भुइयां, किशन भुईयां, सरयू भुईयां, प्रसादी भुईयां और कारू भुईयां ने बताया कि पानी के लिए हर दिन परेशानी हो रही है. सुबह होते ही पानी की चिंता सताने लगती है, सबसे पहले पानी की जुगाड़ में लग जाते हैं. दूसरी जगह से पानी लाते हैं, तब खाना बनता है. ग्रामीणों ने प्रखंड प्रशासन से पेयजल की व्यवस्था कराने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है