नेपाल के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही मुसलाधार बारिश ने बिहार में भी समस्या बढ़ा दी है. कोसी-सीमांचल क्षेत्र में मानसून की बारिश शुरू होने से पहले ही नदियां उफना रही हैं. नदियों का जलस्तर अब तेजी से बढ़ता जा रहा है और बाढ़ की आहट लोग महसूस करने लगे हैं. कई क्षेत्रों में नदियों के बढ़े जलस्तर से अब कटाव का खतरा मंडराने लगा है. नदी का पानी खेत-खलिहान में फैलने लगा है और नीचले इलाके में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान में जाने की तैयारी भी करने लगे हैं. सुपौल के वीरपुर स्थित कोसी बराज के 18 फाटक बुधवार को खोल दिए गए थे. कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच चुका है.
कोसी का जलस्तर तेजी से बढ़ा
कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया है.कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार, रिकॉर्ड 01 लाख 21 हजार 970 क्यूसेक पानी बुधवार को छोड़ा गया है. कोसी का जलस्तर अब तेजी से बढ़ रहा है और जलप्रवाह पर नियंत्रण पाना चुनौती बनी हुई है. कोसी बराज के 56 में 18 फाटक बुधवार को खोल दिए गए थे. पूर्वी कोसी मुख्य नहर में 05 हजार और पश्चिमी कोसी मुख्य नहर में भी 05 हजार क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए छोड़ दिया गया.
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तटबंधों पर बढ़ी चौकसी..
बराह क्षेत्र में जलस्तर में बढ़ोतरी की जानकारी मिली तो ये संकेत दिख गए थे कि जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होगी. बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, तटबंध अभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं. कोसी नदी के दोनों तटबंधों पर निगरानी रखी जा रही है. संवेदनशील व अतिसंवेदनशील स्परों पर इंजीनियर लगातार नजर बनाए हुए हैं. वहीं जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी की वजह से अब तटबंध के अंदर बसे लोगों की चिंता बढ़ने लगी है.
सुपौल में बाढ़ से निपटने की तैयारी में जुटे लोग
सुपौल में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा तो लोगों को बाढ़ व कटाव की चिंता भी सताने लगी है. लोग नाव की व्यवस्था अब करने लगे हैं. कोसी का जलस्तर बढ़ने से अब लोगों के खेतों में भी पानी फैलने लगा है. वहीं पशुओं के लिए चारा जुटाना भी अब एक चुनौती बनती जा रही है. बता दें कि मानसून की बारिश अभी शुरू नहीं हुई है. बारिश के बाद बाढ़ का खतरा और गहराने लगता है.