पूर्णिया. अंगिका भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में दर्ज करने की मांग को लेकर गुरुवार को अंगिका समाज पूर्णिया द्वारा थाना चौक पर धरना दिया गया. धरना में समाज की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. धरना को संबोधित करते हुए समाज के वक्ताओं ने कहा कि अंग क्षेत्र के छः करोड लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं. इसके बावजूद अंगिका भाषा को संविधान के आठवीं अनुसूची में दर्ज नहीं किया गया है. अंग क्षेत्र के इस भाषा को अगर मान्यता होती है तो इसके दूरगामी परिणाम प्राप्त होगा. लोकसभा व विधानसमा में इस भाषा में भाषण हमारे नेतागण दे सकेंगे. विधार्थीगण भारत सरकार एवं राज्य सरकार में नौकरी प्राप्त कर सकेंगे. वक्ताओं ने कहा कि हमारी यही मांग है कि आंगिक भाषा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हो एवं प्राथमिक स्तर से लेकर विश्वविद्यालय तक अंगिका भाषा में पढ़ाई की व्यवस्था होना चाहिए. रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन पर अंगिका भाषा में उद्घोषण होना चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि सरकारी कार्यलय में अंगिका भाषा में कामकाज होना चाहिए. अंग क्षेत्र में टीवी समाचार, रेडियो समाचार, मोबाइल उद्घोषणा अंगिका में होनी की मांग की. सिनेमा, सीरियल, वेब सीरीज ””अंगिका भाषा में होना चाहिए. अंगिका भाषा के विकास संवर्धन के लिए एक अनुसंधान संस्थान बनना चाहिए. इस मौके पर अध्यक्ष प्रधूमन नारायण सिंह, जिला सचिव विजय कुमार मंडल, विश्वजित, किरण, सुनीता देवी, कल्याण सिंधु , गणेश, मनोज, जनार्दन, कमलेश्वरी, अरुण, हेमा देवी, सावत्री देवी एवं सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे. फोटो. 20 पूर्णिया 35-थाना चौक पर धरना देते अंगिका समाज के लोग.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है