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अंगिका को संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए भरी हुंकार, धरना

अंगिका समाज के बैनर तले गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अंगिका भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर हुंकार भरी गयी.

अंगिका समाज के बैनर तले गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अंगिका भाषा को संवैधानिक दर्जा दिलाने को लेकर हुंकार भरी गयी. दिनभर धरना देने के साथ ही ज्ञापन सौंपा गया. धरना में बड़ी संख्या में अंगिका भाषी युवाओं ने हिस्सा लिया.

धरना का आरंभ सूरज कुमार जायसवाल ने अंग देश गीत प्रभात संगीत गायन के साथ किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व वाणिज्य कर आयुक्त सह अंगिका समाज के संरक्षक कैलाश ठाकुर ने की और कहा कि अंगिका प्राचीन काल से ही अंग देश के लोगों की भाषा है. सरकार जल्द से जल्द इसे आठवीं अनुसूची में शामिल करके संवैधानिक मान्यता दे. इससे इस भाषा के माध्यम से रोजगार का सृजन हो होगा. आचार्य अनूपलाल ने कहा कि प्राथमिक स्तर से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक की पढ़ाई अंगिका भाषा में होनी चाहिए. सरकार ने बिहार की अन्य सभी भाषाओं मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि को प्राथमिक शिक्षा में शामिल किया है, लेकिन अंगिका को छोड़ दिया गया है. इसे यथाशीघ्र शामिल करनी चाहिए.

अंग क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों व बस स्टैंड में हो अंगिका में उद्घोषणा

विकास कुमार ने कहा कि अंग क्षेत्र के सभी रेलवे स्टेशनों एवं बस स्टैंड पर अंगिका में उद्घोषणा होनी चाहिए. जैसे दरभंगा स्टेशन पर मैथिली में उद्घोषणा होती है. दरअसल यहां के अवाम की भाषा अंगिका है और लोग इसे अच्छी तरह से समझते हैं. इससे अंग प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलेगा. डॉ मनजीत सिंह किनवार ने कहा कि अंगिका केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं, बल्कि बिहार के करोड़ों लोगों की जनभाषा है. अंगिका को संवैधानिक दर्जा मिलने से क्षेत्र के बैक, अस्पताल,रेलवे स्टेशनों,विद्यालयों एवं विश्वविद्यालय में छात्रों को नौकरी मिलेगी. संजीव कुमार भिकटर ने कहा कि अंगिका भाषा की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए एक अनुसंधान केंद्र बनना चाहिए. वहीं झिंगरू सिंह ने मांग की कि अदालती कार्यवाही में अंगिका भाषा को प्राथमिकता मिले. अधिवक्ता त्रिलोकी नाथ दिवाकर ने कहा कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2015 में बिहार अंगिका अकादमी का गठन किया और उसमें अध्यक्ष भी बनाया गया. वर्तमान में 2018 से ही बिहार अंगिका अकादमी के अध्यक्ष का पद रिक्त है. उस पर सरकार अविलंब किसी योग्य अंगिका भाषी को नियुक्त करे. बेगूसराय के शिक्षक पूर्णेंदु कुमार चौधरी, चक्रधर कृष्णा, नवनीत कुमार, अंगिका की लोकगायिका अंगिका राय, अर्पिता चौधरी, अनिमेष कुमार ,सकलदेव कुमार, रजनीश ने भी अंगिका के अधिकार को लेकर मांग उठायी. अंगिका समाज के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी को ज्ञापन सौंपा. जिलाधिकारी ने शिष्टमंडल में शामिल कैलाश ठाकुर, श्वेता सुमन आदि को सुझाव दिया कि वे लोग राज्यपाल से मिलकर भी मांग उठाये. उक्त प्रतिलिपि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को भेजी जायेगी.

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