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सैन्य सम्मान के साथ हुआ शहीद रमेश का हुआ अंतिम संस्कार

सैन्य सम्मान के साथ हुआ शहीद रमेश का हुआ अंतिम संस्कार

मुरलीगंज . जम्मू के नगरोटा में ऑन ड्यूटी एसएसबी 50वीं वाहिनी के जवान रमेश कुमार सिंह शहीद हो गये थे. पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह सैन्य वाहन से मुरलीगंज के दिग्घी गांव पहुंचते ही लोगों में देशभक्ति की भावना उमड़ पड़ी. पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद रमेश कुमार सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. शहीद रमेश कुमार सिंह अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गुंज उठा. पिता श्यामल किशोर सिंह, माता उषा देवी, पत्नी राखी देवी, बड़ा भाई मुनमुन सिंह, छोटा भाई रिंकू सिंह, पुत्री प्राची सिंह (10) वर्ष पुत्र अयांश कुमार (8) वर्ष सहित परिवारजनों का रो-रोकर कर बुरा हाल हो गया. इस बीच सैना के अधिकारियों ने शहीद का ड्रेस व राष्ट्रीय ध्वज परिजन को सौंपा. सैना और पुलिस के जवानों से शहीद रमेश कुमार सिंह को सलामी दी. इनके आठ वर्षीय पुत्र अयांश ने पिता को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार में 50 वीं वाहिनी एसएसबी टीम, मुरलीगंज थाना प्रभारी मंजू कुमारी, सरपंच विवेकानंद सिंह, मुखिया विकास पासवान, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, युवा वर्ग सहित दिग्घी गांव के अलावा मुरलीगंज, भेलाही, रतनपट्टी, जोरगामा, इटहरी, हरिपुर कला, मोरकाही समेत आस पास इलाके से लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे. पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार शव यात्रा में गांव के बच्चे बूढ़े जवान, सैना में जाने की तैयारी कर रहे युवा के सहित गांव के हजारों लोग शामिल हुए. ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भी सेना के शव वाहन के पीछे चल रहे थे. गांव सहित आसपास क्षेत्र के नौजवान अहले सुबह से मुरलीगंज के मीरगंज चौक पर सैन्य वाहन आने का इंतजार कर रहे थे. मीरगंज चौक से डीजे गाजे बाजे संग शव वाहन के साथ लगभग पांच किलोमीटर पैदल चलकर दिग्घी पहुंचे. ज्ञात हो कि नौ जून को घर से वापस अमरनाथ ड्यूटी के लिए एसएसबी जवान रमेश कुमार सिंह निकले थे. 18 जून को दिन के ढ़ाई बजे जम्मू के नगरोटा जगती पुलिस स्टेशन में रूकी थी. अपने साथ चल रहे जवान को बताया कि मुझे बेहोशी महसूस हो रहा है. जवानों ने तत्काल स्थानीय चिकित्सालय में भर्ती कराया. जहां चिकित्सक ने रमेश कुमार सिंह को मृत घोषित कर दिया. शहीद रमेश के परिवार में छाया मातम शहीद रमेश कुमार सिंह का पार्थिव शरीर देख रोती पत्नी राखी देवी सूझबूझ खो दी. रमेश के शहीद होने की सूचना पर तीन दिन से पूरे परिवार में मातम छाए रहा. पिता श्यामल किशोर सिंह ने कहा कि रमेश का ऑन ड्यूटी देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है. उन्होंने कहा सेना की नौकरी सम्मान की नौकरी है. शहीद के परिवारजनों को दुख के घड़ी में लोग सांत्वना दे रहे थे.

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