मोतिहारी. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत चोरमा, ढाका, बैरगनिया सड़क निर्माण में किसानों ने कई जगह कार्य ठप कर दिया है, तो कई जगह कार्य हो रहे है. करीब पांच सौ करोड़ के प्रोजेक्ट से 35 किमी सड़क का निर्माण होना है, लेकिन किसानों के आक्रोश के कारण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है. किसान नये दर से मुआवजा की मांग कर रहे है. विभाग का कहना है कि 2014 में एमभीआर रिवाइज हुआ, जिसके कारण उसी दर पर मुआवजा निर्धारित हुआ है. हर रैयत का अलग-अलग मांग है. कुल 27 मौजा है, जिसमें 24 मौजा का पंचार्ट निर्माण कर रैयतों को मुआवजा भुगतान के लिए नोटिश किया गया है, लेकिन किसान एलपीसी नहीं ला रहे है, जिसके कारण परेशानी हो रही है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार किसानों के भुगतान के लिए सरकार को राशि आवंटित कर दी गयी है. सड़क निर्माण पर करीब 393 करोड़ खर्च का प्रस्ताव है, जबकि भूमि अधिग्रहण के लिए 35 किमी क्षेत्र में 200 करोड़ का प्रावधान है. इधर किसानों का कहना है ऑफ लाइन व ऑनलाइन का पेंच फंसाकर अंचलाधिकारी व कर्मचारी द्वारा किसानों को परेशान किया जा रहा है. ऐसे में किसान एलपीसी के लिए शिथिल हो गये है. मुआवजा से जुड़े किसान शम्स तबरेज, विपिन कुमार शर्मा, उमाशंकर सिंह, रामबिहारी सिंह, शमशाद, कालू बाबू, वीरेन्द्र प्रसाद आदि का कहना है कि अन्य जिलों में ऑफलाइन एलपीसी पर भुगतान हो रहा है. यहां भी प्रशासन को ऑफलाइन करना चाहिए. जमीन सरकार को लेनी है. ऐसे में हम अंचल में दौड़ लगा परेशान क्यों हो. किसानों का कहना है कि कुल मुआवजा एक कट्ठा का पांच लाख मिल रहा है, जबकि एक लाख 74 हजार रुपया सरकारी दर है. नगर परिषद में ढाका रामचंद्र व पीपरावाजिद के लोगों को नोटिश भी नहीं किया गया है. भारत माला सड़क योजना में किसानों के आक्राेश को देखते हुए भुगतान को ले भू-अर्जन, एनएचएआई व अंचल से जुड़े अधिकारी व कर्मियों की बैठक डीएम की अध्यक्षता में हुयी. बैठक में ऑनलाइन व ऑफलाइन एलपीसी के संदर्भ में चर्चा हुयी, जो जमाबंदी धारक मर चुके है, उनका एलपीसी ऑनलाइन परिजनों के नाम नहीं बन पायेगा. ऐसे में ऑफलाइन एलपीसी के लिए डीएम सौरभ जोरवाल ने वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा है, ताकि किसानों की समस्या दूर हो सके.
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