बलिया बेलौन. महानंदा का जलस्तर में दूसरे दिन गुरुवार को भी वृद्धि जारी रही. जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सिकोड़ना, जाजा, मोहना, बलीहारपुर, शिकारपुर, नाजीरपुर, अहमदपुर, मंझोक, रतनपुर गांव बाढ़ के पानी से घिर गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बाढ़ के कारण खेत खलिहान पूरी तरह से डुब गया है. कहीं- कहीं सड़कों पर पानी बहने से यातायात बंद होने के कगार पर है. जल स्तर में इसी तरह बढ़ोतरी जारी रहा तो सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कल से नाव का सहारा लेना पड़ेगा. समय पूर्व बाढ़ आने से लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया की समय पूर्व बाढ़ आने से सब से अधिक परेशानी पशुओं के चारा की हो रही है. पशुओं को ऊंचे स्थानों तक ले जाने में परेशानी हो रही है. बाढ़ आने की संभावना पर मुखिया संघ अध्यक्ष मेराज आलम ने बताया की महानंदा के जलस्तर निचले इलाके में फैला है. जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने से बाढ़ आने की संभावना है. इसके लिए लोगों को सचेत रहने की जरूरत है. बाढ़ से निपटने की विभागीय स्तर पर कुछ सारी तैयारी नहीं है. क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित और ऊंचे स्थानों की जानकारी नहीं है. क्षेत्र संख्या 18 के जिला परिषद प्रतिनिधि मुनतसीर अहमद, शेखपुरा मुखिया प्रतिनिधि एकबाल हुसैन, मधाइपुर मुखिया असरार अहमद, भौनगर मुखिया सत्यनारायण यादव, तैयबपुर मुखिया मारूफ अहसन, चनदहर मुखिया प्रतिनिधि रागीब शजर, रिजवानपुर मुखिया तहमीद सद्दाम, बेनी जलालपुर मुखिया नाहीद आलम, उनासो पचगाछी मुखिया हाजी एजाजूल हक, निस्ता मुखिया अख्तर आलम, बिझारा मुखिया प्रतिनिधि इनायत राही ने अंचल पदाधिकारी से नाव, सूखा राशन, प्लास्टिक आदि सामग्री शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है. बाढ़ आने के बाद भी आवश्यक सामग्री पंचायतों में उपलब्ध नहीं कराये जाने से जनप्रतिनिधि ने आक्रोश जताया है.
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