समस्तीपुर. शिक्षा विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश के आलोक में हो रहे विद्यालय निरीक्षण के क्रम में बरती जा रही लापरवाही को जिला शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है. इसकी शिकायत मिलने पर निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की अनुशंसा भी की जा रही है. डीइओ के निर्देश पर डीपीओ एमडीएम ने मोरवा प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कन्या बांदे के निरीक्षण से संबंधित शिकायत की जांच हुई तो परत दर परत खुलासा हुआ कि प्रखंड परियोजना प्रबंधक ने कर्त्तव्य में लापरवाही व गलत मंशा से शिक्षकों प्रताड़ित किया. डीपीओ एमडीएम ने प्रखंड परियोजना प्रबंधक को स्थानांतरण करते हुए उनके वेतन/मानदेय से यथोचित राशि कटौती करने की अनुशंसा की है. डीपीओ एमडीएम ने बताया की प्रखंड परियोजना प्रबंधक द्वारा प्राथमिक विद्यालय कन्या बांदे का किया गया निरीक्षण लापरवाही एवं गलत मंशा से ग्रस्ति था. मिली जानकारी के मुताबिक प्रखंड परियोजना प्रबंधक ने बताया है कि विभागीय निर्देशानुसार सुबह 9:03 बजे उनके द्वारा उक्त विद्यालय का निरीक्षण किया गया. विद्यालय में पदस्थापित कुल 6 शिक्षको में से 3 शिक्षक किरण कुमारी, सुनील कुमार सिंह एवं रूबी कुमारी औचक निरीक्षण के समय तक बिना सूचना अनुपस्थित पाई गई. शिक्षक उपस्थिति पंजी के अनुपस्थित शिक्षकों के कॉलम में अनुपस्थिति लिखा जाने लगा, इसी बीच किरण कुमारी 9:06 बजे पहुंच गई एवं उपस्थिति दर्ज करने के लिए अनुरोध किये जाने पर उन्हें चेवातनी के साथ उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति दे दी गई. इसी क्रम में 9:15 बजे रूबी कुमारी विद्यालय में प्रवेश कर रही थी तथा इसी दौरान रूबी कुमारी के द्वारा निरीक्षण प्रपत्र छीन कर रूबी कुमारी द्वारा स्वयं व सुनील कुमार सिंह का हस्ताक्षर निरीक्षण प्रपत्र में बना लिया गया. इधर रूबी कुमारी द्वारा लिखित प्रतिवेदन मे बताया है कि उपलब्ध कराया गया है। जिसमें अंकित किया गया है कि निर्देश का उल्लंघन करते हुए प्रखंड परियोजना प्रबंधक, मोरवा के द्वारा प्राथमिक विद्यालय कन्या बान्दे, प्रखंड मोरवा का निरीक्षण 9:03 में किया गया. जबकि पूर्व से उन्हें मोरवा प्रखंड के सीआरसी जनता उच्च माध्यमिक विद्यालय बाजिदपुर अन्तर्गत आवंटित विद्यालयों में निरीक्षण का दायित्व सौंपा गया था. विद्यालय पहुंचने से पूर्व ही प्रखंड परियोजना प्रबंधक द्वारा शिक्षक उपस्थिति पंजी पर तीन शिक्षकों के उपस्थिति कॉलम में लाल स्याही से अनुपस्थित अंकित किया जा चुका था तथा आग्रह करने पर उन्होंने तीनों शिक्षकों से उपस्थिति दर्ज करवाया तथा कार्यालय के बाहर बुलाकर सुबह 9:10 बजे में उपस्थिति दर्ज करवाने के एवज में राशि की मांग की गई. निरीक्षण प्रपत्र की मांग डीपीओ एमडीएम द्वारा की गई थी, परंतु उनके द्वारा 18 जून तक निरीक्षण प्रपत्र उपलब्ध नहीं करवाया गया, जो इनके भूमिका एवं कार्यशैली को संदिग्ध बनाता है.
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