प्रतिनिधि, खलारी सीसीएल का एनके एरिया प्रबंधन अब कैंप लगाकर जामुनदोहर बस्ती के लोगों को मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी करेगा. यह बात बिहार कोलियरी कामगार यूनियन तथा एनके एरिया महाप्रबंधक सुजीत कुमार के बीच हुई वार्ता के दौरान तय की गयी. इससे पूर्व गुरुवार को प्रथम पाली में सुबह छह बजे से ही अपने तय आंदोलन के तहत बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने ग्रामीणों के सहयोग से केडीएच खदान में काम बंद करा दी. मशीनों काे काम करने से रोक दिया गया. काम बंद कराने के बाद आंदोलनकारी धरना पर बैठ गये. आंदोलन में शामिल कुमार रोशन ने कहा कि नियम-कानून को ताक पर रख कर जामुनदोहर में रैयतों के घर के बगल में माइनिंग कार्य चल रहा था. खनन नीति के अनुसार आबादी से एक किमी से कम दूरी पर ब्लास्टिंग व 500 मीटर से कम दूरी पर खनन कार्य नहीं किया जा सकता है. बावजूद इसके बिना लोगों को विस्थापित किये, बिना मुआवजा के सीसीएल प्रबंधन जबरन खनन कार्य कर रहा है. रैयत विस्थापित विरोध में खनन कार्य को बंद कराकर धरना पर बैठ गये. आंदोलनकारियों ने कहा कि सबका हक मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी. यूनियन के जोनल अध्यक्ष रतिया गंझू ने कहा कि प्रबंधन के ढुलमुल रवैये के कारण खनन कार्य को बंद कराने की नौबत आ गयी. इसी मामले को लेकर वे पूर्व में 120 दिनों तक धरना दे चुके हैं. इधर सूचना मिलते ही केडीएच के परियोजना पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह धरनास्थल पहुंचे और यूनियन के नेताओं को समझाने का प्रयास किया. बाद में एनके महाप्रबंधक सुजीत कुमार भी वहां पहुंच गये. यूनियन के साथ प्रबंधन की वार्ता हुई. यूनियन ने प्रबंधन से जामुनदोहर में ही कैंप लगाकर मुआवजा देने संबंधी मामलों का निबटारा करने की मांग की. जिसे प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया और 24 जून को पुन: वार्ता करने का आश्वासन दिया. बैठक में ही कैंप संबंधी निर्णय लिये जायेंगे. प्रबंधन के आश्वासन के बाद यूनियन ने आंदोलन वापस ले लिया और करीब 11 बजे से खदान में कामकाज शुरू हो गया. वार्ता में रतिया गंझू, जंगबहादुर राम, बलराम गुप्ता, कुमार रोशन, संजय पाठक, पंकज सिंह, जनेश्वर प्रसाद सिंह, मितेश सिंह, अरविंद सिंह, अजीत वर्मा, पप्पू सिंह, संतोष कुमार गंझू, पिंटू कुमार, रमेश मेहता, प्रमोद साहू आदि उपस्थित थे.
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