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पिंड्राजोरा के मेघू बाउरी ने योग से पैरालिसिस को दी मात

योग दिवस पर विशेष : दो साल तक बीमारी से खटिया पर पड़े रहे, नियमित योग से खुद को बनाया स्वस्थ

ब्रह्मदेव दुबे, पिंड्राजोरा, योग सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है. इससे पूरा विश्व लाभांवित हो रहा है. आज इसका महत्व तब और भी बढ़ जाता है, जब चारों तरफ विभिन्न प्रकार की बीमारियां मानव शरीर को घेरे हुए है. ऐसे ही पिंड्राजोरा के पैरालिसिस से ग्रसित एक व्यक्ति ने योग को अपनाकर अपने शरीर को स्वस्थ किया है. पिंड्राजोरा निवासी मेघु बाउरी (52 वर्ष) दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. चार साल पूर्व 2020 को पैरालिसिस जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गये. श्री बाउरी ने प्रभात खबर को बताया कि पैरालिसिस ग्रसित होने के बाद दो साल तक खटिया पर ही पड़े रहे. इसके बाद धीरे-धीरे सहारा लेकर चलना शुरू किया. करीब तीन साल बीत जाने के बाद 2023 को ग्रामीणों ने बताया कि पिंड्राजोरा स्थित पतंजलि केंद्र में प्रशिक्षक संतोष महतो प्रतिदिन प्रशिक्षण देते हैं. इसके बाद संतोष महतो से संपर्क कर प्रतिदिन धीरे-धीर प्रशिक्षण लेकर योग करना शुरू किया. योग करने के छह महीने बाद ही खुद से चलने फिरने लायक हो गये. इसके बाद से प्रतिदिन एक घंटा तक योगासन करना शुरू कर दिया. इसके अलावा अन्य काम करना भी शुरू कर दिया. आज पूरी तरह स्वस्थ हो गया हूं. मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा हूं योग के कारण ही मुझे पैरालिसिस जैसी गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल गया. वहीं प्रशिक्षक संतोष महतो बताते हैं कि योग से गंभीर बीमारी भी ठीक हो सकती है. निरंतर योग करने से असाध्य बीमारी से छुटकारा मिल सकता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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