कोलकाता. कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सामने आ गयी है. रिपोर्ट में मालगाड़ी के चालक दल को दोषी ठहराया गया है. जांच कमेटी का कहना है कि चालक ने ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम के नियमों की अनदेखी की साथ पेपर क्लीयरेंस टी/ए 912 में अधिकतम 25 किलोमीटर की रफ्तार को भी नहीं माना. साथ ही यह भी कहा गया है कि पेपर क्लीयरेंस टी/ए 912 में प्रत्येक सिग्नल पर एक मिनट के रुकने के नियम को भी नहीं माना. जांच दल में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल के सिग्नल, ऑपरेशन, इलेक्ट्रिक, इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. हालांकि जांच में शामिल चीफ लोको इंस्पेक्टर ओम प्रकाश ठाकुर ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि घटना के लिए परिचालन विभाग दोषी है. मालगाड़ी के लोको पायलट को पेपर क्लीयरेंस देने में गलती हुई. क्योंकि रंगापानी के स्टेशन मास्टर को कंचनजंगा और मालगाड़ी दोनों को पेपर क्लीयरेंस टी/ए 912 दिया गया, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था. मालगाड़ी को टी/डी 912 देना चाहिए था. इस लिहाज से इस घटना का दोषी परिचालन विभाग है.असहमति नोट में उन्होंने कहा है कि घटना वाले दिन सुबह 5:50 बजे से स्वचालित सिग्नल काम नहीं कर रहे थे. पांच अधिकारियों ने मालगाड़ी के चालक पर सिग्नल के साथ-साथ गति सीमा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
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